Women Reservation Bill: आपसी मतभेदों को भुलाकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई राजनीतिक दलों ने लोकसभा में महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33 फीसदी आरक्षण देने वाले विधेयक ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम- 2023 (128वां संविधान संशोधन)’ का समर्थन किया है। हालांकि अटल बिहारी वाजपेई और मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल में सदन के अंदर बिल पेश करते समय बिल छीनने, बिल की कॉपी छीनने और फाड़ने जैसी हरकतें करने वाले सांसदों की पार्टी समाजवादी पार्टी पर बुधवार को मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए बिल की आलोचना की। यहां तक कि अपना रुख भी साफ नहीं किया।
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डिप्पल यादव ने मोदी सरकार से पूछे ये सवाल
बुधवार को लोकसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) की ओर से बोलने खड़ी हुईं सांसद डिंपल यादव (Dimple Yadav) ने कहा कि सपा का हमेशा से यह रुख रहा है कि महिला आरक्षण में पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को भी मौका मिलना चाहिए। डिंपल यादव ने कहा कि जब सरकार के 10 साल पूरे होने वाले हैं तो उन्हें महिला आरक्षण की याद आ रही है। उन्होंने सवाल पूछा कि जनगणना कब होगी? सरकार जातीय जनगणना कराएगी या नहीं? परिसीमन कब होगा क्योंकि कहा गया है कि उसके बाद ही आरक्षण लागू होगा।
डिप्पल यादव ने यह भी सवाल उठाया कि क्या यह महिला आरक्षण बिल लोकसभा और विधानसभाओं में लागू होगा। लेकिन, क्या ये आरक्षण राज्यसभा और विधान परिषदों में लागू होगा? क्या यह आरक्षण आगामी लोकसभा चुनाव में लागू होगा या नहीं? क्या यह पांच राज्यों के आगामी विधानसभा चुनाव में लागू होगा या नहीं?
इसके साथ ही डिंपल यादव ने महिला आरक्षण बिल में एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग की और सभापति से अनुरोध किया कि वह सत्ता पक्ष के सांसदों को बताएं कि वे सांसद अब इस सदन के सदस्य नहीं हैं। हां, उनका नाम मत लीजिए।