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जितिन प्रसाद की ज्वाइनिंग के साथ भाजपा का यूपी में मिशन 2022 का आगाज

Jitin Prasada meets BJP national president JP Nadda and Union Minister Piyush Goyal, after joining the BJP

नई दिल्लीः अगले साल होने जा रहे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने कांग्रेस में बड़ी सेंधमारी करते हुए ब्राह्मण चेहरे और पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे जितिन प्रसाद को तोड़ लिया। जितिन प्रसाद की जॉइनिंग कर भाजपा ने मिशन 2022 का आगाज कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश से कांग्रेस की ही एक महिला नेता भी भाजपा का दामन थाम सकतीं हैं। दूसरे दलों के प्रमुख नेताओं की भर्तियों के जरिए भाजपा चुनावी हवा अपने पक्ष में होने का संदेश देने के मूड में है। भाजपा दूसरे दलों के नेताओं को तोड़कर मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल करना चाहती है।

मनमोहन सिंह सरकार के दोनों कार्यकाल में केंद्रीय राज्य मंत्री रहे जितिन प्रसाद पिछले काफी समय से कांग्रेस में नाराज चल रहे थे। सूत्रों का कहना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ही वह भाजपा में शामिल होने के मूड में थे। हालांकि, तब प्रियंका गांधी उन्हें मनाने में सफल रहीं थीं। बावजूद इसके पार्टी के फैसलों में उचित तवज्जो न मिलने के कारण उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने का फैसला किया। भाजपा मुख्यालय पर बुधवार को जितिन प्रसाद को पार्टी में शामिल कराते समय केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होने के संकेत दिए।

माना जा रहा है कि जितिन प्रसाद के जरिए भाजपा ब्राह्मणों को साधने की कोशिश करेगी। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार में ब्राह्मणों के कथित उत्पीड़न को समाजवादी पार्टी समेत विपक्ष की ओर से मुद्दा बनाया जाता है। ऐसे में पार्टी जितिन प्रसाद के जरिए ब्राह्मणों को एक संदेश देने की कोशिश है। कांग्रेस में रहते समय जितिन प्रसाद ब्राह्मणों को एकजुट करने का संगठन भी चलाते रहे हैं। उत्तर प्रदेश में करीब दस प्रतिशत ब्राह्मण वोट पार्टियों की जीत-हार में निर्णायक भूमिका अदा करते हैं। भाजपा के एक नेता ने कहा, जितिन प्रसाद राजनीति के एक स्थापित चेहरे हैं। उनमें ऊर्जा है। यूपीए सरकार में बतौर मंत्री कई मंत्रालयों में कार्य करने का अनुभव है। इस प्रकार राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभवी जितिन के आने से भाजपा को फायदा होगा।

भाजपा में शामिल होने के बाद जितिन प्रसाद ने कहा कि वह कांग्रेस में रहते हुए अपने लोगों के लिए कार्य नहीं कर पा रहे थे। उन्होंने पाया कि भाजपा ही सच्ची राष्ट्रवादी पार्टी है। प्रधानमंत्री मोदी के कार्यों से प्रेरित होकर उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया।

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जितिन के राजनीतिक सफर की बात करें तो कांग्रेस के यूथ विंग से उन्होंने राजनीतिक करियर शुरू किया। पहली बार 2004 में अपने गृह क्षेत्र शाहजहांपुर से लोकसभा चुनाव लड़कर जीत हासिल की। इसके बाद मनमोहन सरकार में वर्ष 2008 में वह केंद्रीय राज्य इस्पात मंत्री बने। 2009 में परसीमन के कारण सीट बदल गई और जितिन को 15वीं लोकसभा के लिए धौरहरा से चुनाव लड़ना पड़ा। यहां से भी वो जीते और फिर मनमोहन सरकार में मंत्री रहे। यूपीए सरकार में वह सड़क निर्माण एवं राजमार्ग मंत्रालय, मानव संसाधन, इस्पात जैसे मंत्रालयों में मंत्री रहे। वर्ष 2014 में धौरहरा से लोकसभा चुनाव वह हार गए थे, इसके बाद 2017 में उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा फिर हार का सामना करना पड़ा। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी वह हारे थे।