क्या है थॉयराइड?
थायरॉइड (Thyroid) एक छोटी, तितली के आकार की ग्रंथि है जो आपकी गर्दन के सामने होती है। ये ग्रंथी आपके अंतःस्रावी तंत्र का एक हिस्सा है, और कुछ हार्मोनों का उत्पादन और रिलीज करके आपके शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करता है। साथ ही यह ग्रंथि दिल, दिमाग़ और शरीर के दूसरे अंगों को सही तरीक़े से चलाने वाले हॉर्मोन पैदा करती है। यह शरीर को ऊर्जा का उपयोग करने में सक्षम बनाती है और उसे गर्म रखती है। आपके थायराइड का मुख्य काम आपके चयापचय की गति को कंट्रोल करना है। यह प्रक्रिया खाए गए भोजन को ऊर्जा में बदलता है। बता दें, आपके शरीर की सभी कोशिकाओं को कार्य करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
थायरॉइड कितने प्रकार का होता है?
थायरॉइड दो प्रकार का होता है, हाइपरथायराइडिज्म और हाइपोथायराइडिज्म। दोनों ही थायरॉइड में अलग-अलग प्रकार के लक्षण देखने को मिलते है।
हाइपरथायराइडिज्म
हाइपरथायराइडिज्म में शरीर में ज्यादा मात्रा में थायराइड (Thyroid) हॉर्मन बनते हैं। जिससे शरीर में उर्जा का उपयोग मात्रा से ज्यादा होने लगता है। इसे हाइपर थाइराडिज़्म या अवटु गर्न्थि की अतिसक्रियता कहते हैं। यह बीमारी किसी भी आयु वाले व्यक्तियों को हो सकती है बता दें, महिलाओं में पुरुष के अपेक्षा यह बीमारी पांच से आठ गुणा ज्यादा है।
हाइपोथायराइडिज्म
हाइपोथायराइडिज्म का खतरनाक प्रभाव कम उम्र के बच्चों पर ज्यादा पड़ता है। इसके कारण बच्चे को थकान, कमजोरी, वजन का बढ़ना और बच्चों में चिड़चिड़ापन जैसी समस्यायें हो सकती हैं। बता दें, हाशिमोटोज थायरॉयडिटिज-बच्चों और किशोरों में थायरॉइड (Thyroid) की समस्या सबसे ज्यादा सामान्य है। बच्चों में ये बिमारी 5 साल की उम्र के बाद ही होती है।
थायरॉइड के कारण क्या है?
महिलाओं में थायरॉइड होने के कई वजह हो सकते हैं, जैसे वायरल संक्रमण की चपेट में आना, लंबे समय तक तनाव यानी स्ट्रेस में रहना, डिलीवरी के बाद शरीर में बदलाव आना, शरीर में आयोडीन की कमी होना, और महिला के शरीर में हार्मोनल असंतुलन होना आदि। वहीं पुरुषों में आज कल थायरॉइड का सबसे बड़ा कारण नींद की कमी, स्ट्रेस, स्मोकिंग और खराब डाइट है। दरअसल, थायराइड गर्दन के अंदर और कॉलरबोन के ठीक ऊपर तितली जैसी एक ग्रंथि होती है। साइंस की भाषा में इसे एंडोक्राइन ग्लैंड कहते हैं।
क्या है थायरॉइड के लक्षण ?
जब थायरॉइड ग्लैंड ज़रूरत से कम या अधिक मात्रा में हार्मोन बनाने लगता है, तो थायराइड से जुड़ी समस्याएं पैदा होती हैं। ऐसा होने पर शरीर के काम करने का संतुलन बिगड़ जाता है। कुछ मामलों में थायरॉइड की समस्या कैंसर का रूप ले लेती है। ऐसा अक्सर तब होता है जब डीएनए में कुछ परिवर्तन होता है। हालांकि इस स्थिति के बारे में भी लोगों को पता होना चाहिए। आपको थायरॉइड (Thyroid) की शुरुआत में कुछ इस तरह के लक्षण दिखाई दे सकते है।
- गर्दन पर गांठ महसूस होना
- आवाज में बदलाव
- खाना निगलने में परेशानी होना
- गर्दन और गले में दर्द होना
- गर्दन में सूजन व खांसी
- आवाज भारी होना
- हेवी मेंस्ट्रूअल ब्लीडिंग
- दिल की धड़कन का धीमा होना
- मांसपेशियों का कोमल या कठोर होना
- कमजोरी और थकान महसूस करना
थायरॉइड के लिए घरेलू उपचार
आज कल थायरॉइड (Thyroid) महिलाओं व पुरुषों में आम समस्या है। इसका इलाज भी आसान है। आप अपने डॉक्टर्स की सलाह से इसका इलाज आसानी से कर सकते है। पर क्या आप जानते है कि, कुछ घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल कर आप थायरॉइड से छुटकारा पा सकते है। आईए हम आपको बताते है थायरॉइड नियंत्रण करने के कुछ घरेलू उपाय।
हरा धनिया
रोजाना हरे धनिये का सेवन करने से थायरॉइड (Thyroid) की समस्या को दूर किया जा सकता है। आप हरे धनिये को पीसकर पानी में मिलाकर पी सकते है। ऐसा करने से थायरॉइड की समस्या से निजात पाया जा सकता है।
नारियल पानी
रोजाना नारियल पानी पीने से थायरॉइड (Thyroid) की समस्या काफी कम होती है। अगर हर दिन नारियल पानी का सेवन संभव नही तो आप हर दूसरे दिन पी सकते है। इससे थायरॉइड की समस्या के साथ शरीर को कई फायदे मिलेंगे।
हल्दी
हल्दी में करक्यूमिक नामक तत्व पाये जाते है, जो थायरॉइड (Thyroid) की समस्या को कम करने में मदद करते है। रात में सोनें से पहले हल्दी का दूध पीना थायरॉइड के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होता है।
तुलसी
थायरॉइड को कम करने के लिए तुलसी एक बेहतर उपाय माना जाता है। दो चम्मच तुलसी के रस में एलोवेरा जूस मिलाकर पिनें से थायरॉइड की समस्या से निजात पाया जा सकता है।
लौकी का जूस
लौकी के जूस के कई फायदें होते है पर थायरॉइड (Thyroid) के मरीज के लिए लौकी का जूस पीना काफी फायदेमंद हो सकता है। इससे न सिर्फ वजन कम होता है बल्कि थायरॉइड की समस्या से भी राहत मिलती है।
आप इन घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से जरुर परामर्श करें।
थायरॉइड के लिए योगासन
प्राचीन काल से ही योगा को हर मर्ज का इलाज माना जाता है। योगा न केवल आपके शरीर को फिट रखता है बल्कि, योगा करने से शरीर की कई गंभीर बिमारियां भी दूर हो सकती है। नियमित योगा करने से आप शुगर कंट्रोल, बीपी, मोटापा और थायरॉइड जैसी कई बिमारियों से छुटकारा पा सकते है। आईये आपको बताते है कि, थायरॉइड को नियंत्रित करने के लिए कौन से योगासन फायदेमंद होते है।
- ताड़ासन
- उर्ध्व-हस्तोतानासन
- अर्ध-चक्रासन
- नटराजासन
- वीरभद्रासन
थायरॉइड से जुड़े कुछ जरूरी सवाल …
क्या थायरॉइड से बाल झड़ते है?
थायरॉइड (Thyroid) से हेयर लॉस होना आम बात है। दरअसल थायराइड ग्लैंड से निकलने वाली t3, t4 हार्मोन बालों के विकास में सहायक होते है। ये दोनों ही बालों के पिगमेंट को कंट्रोल करने का काम करते हैं। यही वजह है कि, इन दोनों के कम या ज्यादा होने पर बालों का झड़ना शुरु हो जाता है।
कौन सा थायरॉइड खतरनाक है?
थायराइड के सभी प्रकार रोगियों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। लेकिन हाइपरथायरायडिज्म थोड़ा ज्यादा खतरनाक होता है, क्योंकि इसमें हृदय की समस्याएं, स्ट्रोक, का खतरा ज्यादा होता है।
महिलाओं में थायरॉइड बढ़ने से क्या होता है?
महिलाओं में थायरॉइड बढ़ने की वजह से उन्हें अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे कि, थायराइड ग्लैंड का आकार बढ़ना, वजन कम होना, घबराहट और चिड़चिड़ापन होना, तनाव महसूस करना, नींद की समस्या और आंखों मे जलन होना।
थायरॉइड टेस्ट कब करना चाहिए?
अगर आपको अचानक वजन बढ़ना या घटना, थकान, बालों का झड़ना, ठंड लगना, या कब्ज जैसे लक्षण दिखाई दे रहे है। तो ऐसे में आप डाक्टर्स से परामर्श कर टेस्ट जरूर करायें। महिलाएं गर्भावस्था के दौरान, प्रसव के बाद, या किसी अन्य हार्मोनल चेंजस के दौरान भी टेस्ट करा सकती है।
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क्या चावल खाने से थायरॉइड बढ़ता है?
चावल में स्टार्च का मात्रा ज्यादा होती है। जिसकी वजह से चावल जल्दी पच जाता है। और भूख जल्दी लगती है। अगर हम बात करे रोटी और चावल की तो रोटी के मुकाबले चावल में ज्यादा फैट होता है। इसलिए थायरॉइड (Thyroid) के मरीज चावल का कम से कम सेवन करें।
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