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West Bengal Municipal Election: भाजपा को बड़ा झटका, प्रचंड जीत की ओर बढ़ रही TMC

कोलकाताः विधानसभा चुनाव के बाद अब नगर पालिका चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को करारा झटका लगा है। पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) नगर पालिका चुनाव में भी प्रचंड जीत की ओर अग्रसर है। पार्टी ने मतगणना शुरू होने के महज तीन घंटे के अंदर 108 में से 80 नगरपालिकाओं में स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है। इनमें उत्तर 24 परगना का भाटपाड़ा भी शामिल है जहां भाजपा के दबंग सांसद अर्जुन सिंह के परिवार का वर्चस्व रहा था। इसके अलावा टाकी, नैहाटी और हालीसहर नगर पालिका पर भी TMC का कब्जा हो गया है। पश्चिम मेदिनिपुर जिले की घाटाल नगरपालिका भी तृणमूल के कब्जे में है। गोबरडांगा, हरिणघाटा और बारासात नगरपालिका पर भी तृणमूल कांग्रेस का कब्जा हो गया है।

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खड़गपुर में भी तृणमूल का कब्जा, दशकों से रहा शुभेंदु अधिकारी का राज

उधर दशकों से शुभेंदु अधिकारी परिवार के कब्जे में रही मेदिनीपुर की कांथी नगर पालिका भी अधिकारी परिवार के हाथ से फिसल चुकी है जो भाजपा के लिए बड़ा झटका है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और सांसद दिलीप घोष का संसदीय क्षेत्र रहे खड़गपुर में भी तृणमूल कांग्रेस ने कब्जा जमा लिया है। काचरापाड़ा नगर पालिका में छह नंबर वार्ड से जीत दर्ज करने के बाद मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांशु रॉय ने मीडिया से बातचीत में स्वीकार किया कि भाजपा में जाना उनकी गलती थी, अब वह तृणमूल में लौट कर बेहद खुश हैं। उल्लेखनीय है कि रविवार को राज्य की 108 नगर पालिकाओं में चुनाव हुए थे जिसकी गणना बुधवार हो रही है। वहीं तृणमूल में मतगणना शुरू होने के महज तीन घंटे के अंदर 108 में से 80 नगरपालिकाओं में स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है।

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव से पहले शुभेंदु अधिकारी तृणमूल छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। इसके बाद से उनके परिवार के सारे सदस्य भाजपा से जुड़ गए। भले ही शुभेंदु ने नंदीग्राम में ममता बनर्जी को चुनाव में हरा दिया लेकिन एक-एक कर भारतीय जनता पार्टी को यहां लगातार झटके लगते रहे हैं। रविवार को संपन्न हुए नगर पालिका चुनाव को लेकर शुभेंदु ने दावा किया था कि तृणमूल ने बूथ कैपचरिंग कर फर्जी वोटिंग की थी। यहां 20 हजार से अधिक लोग मतदान नहीं कर सके थे क्योंकि पुलिस और तृणमूल के लोगों ने उन्हें डराया धमकाया। अब परिणाम में यहां से पार्टी की हार के बाद एक बार फिर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो सकता है।

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