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विहारी बोले- हमने एडिलेड परिणाम के बारे में बाकी के मैचों में बात ही नहीं की

Hamilton: India's Hanuma Vihari celebrates his century during a practice match ahead of the first Test against New Zealand at the Seddon Park in Hamilton, New Zealand on Feb 14, 2020. (Photo: Surjeet Yadav/IANS)

नई दिल्लीः सिडनी टेस्ट में रविचंद्रन अश्विन के साथ मिलकर भारत को मुश्किल स्थिति में से निकलाकर ड्रॉ तक पहुंचाने वाले हनुमा विहारी ने बताया है कि ऋषभ पंत और चेतेश्वर पुजारा के आउट होने के बाद वह जीत के लिए नहीं खेल रहे थे। ऑस्ट्रेलिया द्वारा तीसरे टेस्ट मैच में रखे गए 407 रनों का लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने 131 ओवर बल्लेबाजी करते हुए पांच विकेट पर 334 रन बना कर मैच ड्रॉ करा लिया।

विहारी ने इस मैच में मांसपेशियों में खिंचाव के साथ बल्लेबाजी की थी और अंगद की तरह पैर जमा कर 161 गेंदों पर नाबाद 23 रन बनाए थे। अश्विन ने उनका बेहतरीन साथ दिया था और शरीर पर कई गेंदें झेलने के बाद 128 गेंदों पर नाबाद 39 रन बनाए थे। विहारी और अश्विन के बीच 62 रनों की साझेदारी हुई थी। इससे पंत और पुजारा ने 148 रनों की साझेदारी की थी।

विहारी ने कहा कि अगर आप पहला सत्र देखेंगे और दूसरे सत्र का अधिकतर खेल देंखेंगे तो पता चलेगा कि हम जीत के लिए खेल रहे थे। जिस तरह से पंत और पुजारा खेले। ईमानदारी से कहूं तो जैसे वह दोनों आउट हुए, मुझे नहीं लगा कि हम मैच जीत सकते हैं। मेरी चोट से पहले भी अश्विन पीठ में चोट के कारण संघर्ष कर रहे थे। अगर जरूरत पड़ती तो जडेजा कुछ ओवर खेल सकते थे।

उन्होंने कहा की ड्रॉ का इरादा तब आया जब हमें पता चला कि अश्विन दौड़ नहीं सकते हैं और फिर मुझे मांसपेशियों में खिंचाव आ गया। पांचवें दिन ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण के सामने 43 ओवर बल्लेबाजी करना आसान नहीं था। विहारी ने बताया कि उन्होंने और अश्विन ने एक-एक ओवर खेलने का फैसला किया था।

दाएं हाथ के बल्लेबाज ने कहा कि हमने हर ओवर में बात की थी कि हमें क्या करना है। इस रणनीति ने भी मदद की। हमें बाहर से मैसेज आए लेकिन हमने पहले ही फैसला कर लिया था कि वह नाथन लॉयन को खेलेंगे और मैं तेज गेंदबाजों को खेलूंगा। पहली बात तो यह थी कि वह लॉयन को अच्छा खेल रहे थे और दूसरी बात यह थी कि मैं स्पिनर के खिलाफ अपना पैर नहीं निकाल पा रहा था।

उन्होंने कहा कि यह अच्छे से हुआ। वह लॉयन का सामना आसानी से कर रहे थे और मैं तेज गेंदबाजों का सामना अच्छे से कर रहा था। सिडनी में हासिल किए गए ड्रॉ ने ब्रिस्बेन में मिली शानदार जीत के लिए माहौल बना दिया था।

इन दोनों टेस्ट मैच से पहले भारत को सीरीज के पहले टेस्ट मैच में एडिलेड में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। टीम पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी में महज 36 रनों पर ही ऑल आउट हो गई थी जो उसका टेस्ट की एक पारी में सबसे कम स्कोर है। विहारी ने कहा कि टीम ने एडिलेड के बाद बाकी के मैचों में पहले टेस्ट मैच को लेकर बात ही नहीं की।

उन्होंने कहा कि एडिलेड टेस्ट के बाद, आप विश्वास नहीं करेंगे कि हमने एक टीम के तौर पर इस बारे में बात नहीं की। हमें ऐसा लगा कि यह पहले कभी नहीं हुआ। मुझे नहीं लगता कि यह दोबारा होगा।

उन्होंने कहा कि इसलिए आगे बढ़िए और मेलबर्न से शुरू हो रहे बाकी के तीन मैचों के बारे में सोचिए। अगर आप इस तरह से देखते हैं तो हैं हमने सीरीज 2-0 से जीती। हमने सब कुछ मैदान पर छोड़ दिया और आगे बढ़ गए। यह इस भारतीय टीम का हॉलमार्क है। हम इसी तरह खेलते हैं।

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भारत के लिए 12 टेस्ट मैच खेल चुके विहारी ने बताया कि वह सिडनी टेस्ट के बाद काफी दर्द में थे और इसी कारण सो नहीं पाए थे। विहारी ने बताया, मैं शायद ही सो पाया था। दर्द काफी हो रहा था। एक चीज दर्द थी और एक चीज खुशी। मैं मुझे इंटरनेट, मैसेज के माध्यम से मिले प्यार और सम्मान से बेहद खुश था। मुझे लगता है कि मैं एक घंटे सोया था और फिर सुबह छह बजे उठ गया था।

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