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डग्गामार बसों से सफर कर रहे वॉल्वो और स्कैनिया के यात्री, लग्जरी बसें बंद होने से बढ़ी परेशानी

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लखनऊः दिल्ली के लिए ट्रेनों में सीट न पाने वाले मुसाफिरों के लिए परिवहन निगम की सुपर लग्जरी वॉल्वो व स्कैनिया बसें मुफीद साबित होती थीं। बेहतर सुविधाओं के चलते ये बसें खास वर्ग के लोगों की पहली पसंद थीं, लेकिन दिल्ली जाने वाले वॉल्वो व स्कैनिया बसों का संचालन बंद होने से ऐसे यात्रियों को डग्गामार बसों में सफर करने को मजबूर होना पड़ रहा है।

दरअसल, कोरोन संक्रमण के दौरान यात्रियों की संख्या कम होने पर परिवहन निगम ने वॉल्वो और स्कैनिया बसों का अनुबंध समाप्त कर दिया था, लेकिन वर्तमान में लोगों का आवागमन तेज होने के बाद फिर से यात्रियों की संख्या बढ़नी शुरू हो गई है। ऐसे में अब यात्री बस अड्डों पर पहुंचकर इन सुपर लग्जरी बसों की जानकारी करते हैं, लेकिन बसों का संचालन बंद होने से यात्रियों के हाथ मायूसी लग रही है। इन बसों की सुविधा न मिलने से यात्री अन्य विकल्प तलाश रहे हैं। परिवहन निगम के अफसरों के अनुसार, अधिकांश सुपर लग्जरी वॉल्वो व स्कैनिया बसें दिल्ली रूट पर संचालित की जाती थीं।

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दिल्ली जाने वाली ट्रेनों में सीट न मिलने पर यात्री वॉल्वो व स्कैनिया का रुख करते थे। खासकर ट्रेन के एसी सेकेंड व थर्ड क्लास में सफर करने वाले यात्री सीट न मिलने पर तत्काल ऑनलाइन वॉल्वो व स्कैनिया में सीटें बुक करते थे। होली व दीपावली के समय ट्रेनों में सीटें फुल होने पर इन बसों की डिमांड अधिक बढ़ जाती थी। उस दौरान लखनऊ से दिल्ली के लिए रोजाना 5-8 बसों का संचालन किया जाता था। इसके अतिरिक्त पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण प्रदेश के अन्य शहरों के लिए भी इन बसों का संचालन किया जाता था। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली के साथ ही गोरखपुर, आजमगढ़, आगरा, अयोध्या समेत अन्य रूटों पर इन बसों का संचालन किया जाता था।

बस में मिलती थी कई सुविधाएं

विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, इन सुपर लग्जरी बसों में यात्रियों को कई सुविधाएं मिलती थीं। प्रत्येक यात्राी की सीट के ऊपर लगी एलईडी लाइट, एसी का पंखा, मोबाइल चार्जिंग की सुविधा, पर्याप्त लेग स्पेस, आधा लीटर फ्री पानी के साथ सीट खुलने पर उस पर आसानी से सोने की सुविधा भी मिलती थी। सुविधाओं के चलते इन बसों का किराया अधिक होने के बावजूद यात्री इन बसों में सफर करना पसंद करते थे।

निगम की पहचान बन चुकी थीं ये बसें  

विभागीय अधिकारियों की मानें तो वॉल्वो और स्कैनिया बसें अनुबंधित होने के बावजूद परिवहन निगम की पहचान बन चुकी थीं। ऐसे में इन बसों का संचालन बंद होने से इसकी कमी निगम के साथ ही यात्री भी महसूस कर रहे हैं। यात्रियों की कमी के साथ अन्य कारणों की वजह से निगम प्रबंधन ने इन बसों का संचालन बंद कर दिया है। वर्तमान में सिर्फ वाराणसी और प्रयागराज के लिए ही 2-3 की संख्या में वॉल्वो का संचालन हो रहा है, वहीं जिन रूटों पर स्कैनिया व वॉल्वो का बड़ी संख्या में संचालन हो रहा था, उनकी जगह पर अब जनरथ व शताब्दी बसें संचालित की जा रही हैं। फिलहाल ये बसें खास वर्ग के यात्रियों को लुभा पाने में असफल साबित हो रही हैं। 

वर्जन

वॉल्वो और स्कैनिया बसों के लिए यात्री नहीं मिल रहे हैं। इन बसों के संचालन से परिवहन निगम को राजस्व की हानि हो रही थी। इसके चलते ही इन बसों का संचालन बंद कर दिया गया है। स्कैनिया बसों के अनुबंध का पुराना मामला अभी पूरी तरह से नहीं सुलझ सका है। यात्री मिलने लगेंगे, तो आगे इस प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।

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