नई दिल्लीः विश्व हिन्दू परिषद (VHP) के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेन्द्र जैन ने सोमवार को कहा कि हिन्दू पर्वों एवं कुंभ जैसे महापर्वों की शुचिता एवं पवित्रता बनाए रखते हुए पूज्य संतों एवं नारी शक्ति के सम्मान की रक्षा के लिए सम्पूर्ण हिन्दू समाज कृतसंकल्पित है। इन आयोजनों में बाधा उत्पन्न करने वालों के प्रति शासन, प्रशासन एवं समाज को सजग रहना होगा। इन पर्वों एवं धार्मिक आयोजनों को अपवित्र करने वालों को हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
डांडिया पंडालों में घुस रहे जिहादी
उन्होंने सभी देशवासियों को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे मां दुर्गा से प्रार्थना करते हैं कि वे हमें वह शक्ति प्रदान करें, जिससे हम देश विरोधियों एवं हिन्दू विरोधियों के षडयंत्रों को समाप्त कर सकें तथा भारत को विश्व में शीर्ष स्थान दिलाने का संकल्प पूरा कर सकें। उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज की विशेषता है कि इसके पर्व विभिन्न रंगों की छटाओं से परिपूर्ण होते हैं। डांडिया नृत्य मां दुर्गा की आराधना का अनूठा आयोजन है। यह पूर्णतः धार्मिक आयोजन है, जिसमें मां दुर्गा के प्रति समर्पित लोग ही भाग लेते हैं।
दुर्भाग्य से विकृत मानसिकता वाले जिहादी अपने गंदे इरादों के साथ डांडिया पंडालों में घुसने लगे हैं। अभी कल ही भाग्यनगर (हैदराबाद) में एक डांडिया पंडाल में इरशाद खान नामक जिहादी ने एक हिंदू लड़की का हाथ पकड़कर अश्लील हरकतें करने की कोशिश की। जब परिवार ने विरोध किया तो वह वहां से भाग गया लेकिन परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
सावधानी में ही सुरक्षा
डॉ जैन ने आगे कहा कि हमें इन हवसी जिहादियों की तरह-तरह की गंदी हरकतों की खबरें मिलती रहती हैं। कभी हिंदू लड़की से छेड़छाड़ करना तो कभी रोकने पर लड़की पर तेजाब फेंकना, यह कैसी सभ्यता है? हमें पत्थरबाजी की खबरें भी मिलती रहती हैं। ये लोग हमेशा हमारी पूजा सामग्री और प्रसाद को दूषित करने की कोशिश करते हैं। पूरी दुनिया इनकी वहशी हवस से परेशान है, जिसे लव जिहाद का नाम दिया गया है।
ऐसे में अगर विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता दुर्गा पूजा पंडालों में जिहादियों के प्रवेश को रोकते हैं तो क्या गलत कर रहे हैं? क्या हमें अपनी आस्था और अपनी बहन-बेटियों की मर्यादा और स्वाभिमान की रक्षा करने का अधिकार नहीं है? हम किसी दुर्घटना का इंतजार नहीं कर सकते। हम जानते हैं कि सावधानी में ही सुरक्षा है।
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कुंभ मेले में जिहादियों के प्रवेश को रोकना गलत नहीं
उन्होंने रक्षा के इस पवित्र कार्य में लगे हिंदू युवकों को ‘हिंदू धर्म रक्षक’ बताते हुए कहा कि उनका सम्मान किया जाना चाहिए। दुर्भाग्य से धर्मनिरपेक्षता के नशे में चूर कुछ लोग उनके लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते हैं। हम उनसे पूछना चाहते हैं कि क्या उन्होंने कभी थूक जिहाद, जूस में पेशाब, हिंदू त्योहारों पर पत्थरबाजी करने वालों और हिंदू लड़कियों के टुकड़े-टुकड़े करने वालों को जिहादी गुंडे कहने की हिम्मत की है, जबकि वे फिलिस्तीन या जिहादी आतंकवादी संगठनों का झंडा थामकर पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने से नहीं चूकते? अब समझ में आ रहा है कि इन जिहादियों को कवर फायर कौन देता है।
अंत में उन्होंने कहा कि ओवैसी जैसे कट्टरपंथी नेताओं और इन धर्मनिरपेक्षतावादियों के उकसावे पर ये जिहादी कुंभ के पवित्र अवसर की पवित्रता को नष्ट करने का कोई मौका नहीं छोड़ेंगे। इसलिए साधु-संतों द्वारा कुंभ मेले में जिहादियों के प्रवेश को रोकने की मांग बिल्कुल जायज है। क्या हम अपनी मान्यताओं की पवित्रता की रक्षा के लिए अपने संवैधानिक अधिकार का उपयोग नहीं कर सकते? विहिप जिहादियों को चेतावनी देती है कि वे सह-अस्तित्व की बात तभी कर सकते हैं जब वे अपने कुछ इरादे त्याग दें। याद रखें कि सद्भाव एकतरफा नहीं हो सकता।
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