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वेंकैया नायडू बोले- संसद कानून बनाने और सार्वजनिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए  

नई दिल्ली: विपक्ष के लगातार हंगामे के बीच राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सभी नेताओं से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की क्योंकि संसद चर्चा के लिए है। नायडू ने व्यवधानों के बीच कहा कि वह मीडिया में आई खबरों से चिंतित हैं कि सदन के कुछ वर्ग शेष सत्र के लिए सदन को नहीं चलने देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। संसद कानून बनाने और सार्वजनिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए है।

उन्होंने कहा, पार्टियों के नेताओं ने मौजूदा दयनीय स्थिति और सार्वजनिक चिंताओं के मुद्दों को उठाने से वंचित होने पर मुझे अपनी चिंता व्यक्त की है। मैं आप सभी से इस रवैये पर पुनर्विचार करने की अपील करता हूं। विपक्ष मांग कर रहा था कि सदन में नारेबाजी और तख्तियां पकड़े हुए सबसे पहले पेगासस के मुद्दे को लिया जाए। सदन को पहले 12 बजे तक और फिर दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित किया गया।

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असम से कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा ने असम-मिजोरम विवाद के मुद्दे पर चर्चा के लिए 176 के तहत नोटिस दिया। पेगासस विवाद को लेकर विपक्ष ने अपनी कमर कस ली है। कई विपक्षी दलों ने नीट में ओबीसी आरक्षण को लेकर नोटिस भी दिया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज झा इस मुद्दे पर चर्चा चाहते थे।