आकाशीय बिजली से सुरक्षित होगा UP, योगी सरकार ने लिया बड़ा फैसला

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UP, लखनऊ: योगी सरकार ने आकाशीय बिजली से होने वाली जनहानि को कम करने के लिए लाइटनिंग डिटेक्शन सेंसर नेटवर्क स्थापित करने और बड़ी संख्या में प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके तहत, राज्य भर में 50 नए लाइटनिंग डिटेक्शन सेंसर नेटवर्क स्थापित किए जाएंगे, जबकि लोगों को वास्तविक समय पर लाइटनिंग अलर्ट प्रदान करने के लिए राज्य भर में पांच हजार प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली स्थापित की जाएंगी। इसके अलावा योगी सरकार आकाशीय बिजली के तहत सुरक्षा के लिए जन जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चला रही है।

तीन चरणों में पूरा होगा काम

राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने मंगलवार को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में आकाशीय बिजली से होने वाली जनहानि को न्यूनतम करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। ऐसे में इसे कम करने के लिए सर्वे कर तीन स्तरों पर काम किया जा रहा है, जिसमें राज्य भर में 50 नए लाइटनिंग डिटेक्शन सेंसर नेटवर्क और संवेदनशील इलाकों में अर्ली वॉर्निंग सिस्टम स्थापित करने की जरूरत महसूस की गई।

यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने रखा गया था, जिसे उन्होंने हरी झंडी दे दी है। इस पर राज्य भर में तीन चरणों में लाइटनिंग डिटेक्शन सेंसर नेटवर्क स्थापित करने का निर्णय लिया गया। इसके तहत पहले चरण में 37 जिले, दूसरे चरण में 20 जिले और तीसरे चरण में 19 जिले शामिल होंगे।

ये सभी नेटवर्क मौसम विभाग के तकनीकी सहयोग से स्थापित किये जायेंगे। गौरतलब है कि आकाशीय बिजली से होने वाली जनहानि को कम करने के लिए सर्वे कराया गया है। इसमें पाया गया कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी और मौसम विभाग द्वारा बिजली की सटीक भविष्यवाणी के लिए लगाए गए लाइटनिंग डिटेक्शन सेंसरों की संख्या कम है।

ऐसे में यह सटीक अनुमान लगाना संभव नहीं है कि बिजली कहां और किस समय गिरेगी। ऐसे में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर आकाशीय बिजली से सर्वाधिक प्रभावित सोनभद्र के दुद्धी ब्लॉक में पूर्व चेतावनी प्रणाली लगाई गई। इसमें पाया गया कि पूरे राज्य में आकाशीय बिजली की सटीक भविष्यवाणी के लिए लाइटनिंग डिटेक्शन सेंसर नेटवर्क और पूर्व चेतावनी प्रणाली स्थापित करना जरूरी है।

बिजली गिरने से होने वाली मौतों में आई कमी

आकाशीय बिजली को लेकर कराए गए सर्वे में राज्य के सभी 75 जिलों में पांच हजार संवेदनशील स्थान चिह्नित किये गये। जहां आकाशीय बिजली सहित अन्य आपदाओं की पूर्व चेतावनी फैलाने के लिए पूर्व चेतावनी प्रणाली की स्थापना आवश्यक है। ऐसे में राज्य के सभी पांच हजार चिह्नित संवेदनशील स्थानों पर पूर्व चेतावनी प्रणाली लगाने का निर्णय लिया गया। सर्वेक्षण के आधार पर राहत आयुक्त कार्यालय और मौसम विभाग के सहयोग से एक वेब आधारित एकीकृत प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली तैयार की गई है।

इसके जरिए बिजली गिरने से एक घंटे पहले 2.15 करोड़ जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं और समुदाय के लोगों को अलर्ट कॉल किया जा रहा है। इसके चलते फिलहाल हताहतों की संख्या में काफी कमी आई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा प्रदेश में आपदाओं से होने वाली जनहानि को कम करने के लिए ”लाइटनिंग सेफ्टी अवेयरनेस प्रोग्राम” संचालित किया जा रहा है।

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यह कार्यक्रम प्रदेश के सर्वाधिक प्रभावित एवं संवेदनशील जिलों सोनभद्र, मीरजापुर, प्रयागराज एवं ललितपुर में संचालित किया जा रहा है। इन जिलों के सभी 51 विकासखंडों में ब्लॉक स्तरीय कार्यशालाएं और सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम स्तरीय कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। इन जिलों के सभी ग्राम पंचायतों में माइकिंग के माध्यम से बिजली सुरक्षा पर जन जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।

इन कार्यक्रमों का परिणाम है कि वर्ष 2021-22 की तुलना में वर्ष 2023-24 में अब तक आकाशीय बिजली से होने वाली मृत्यु में ललितपुर में 25 प्रतिशत, प्रयागराज में 52 प्रतिशत तथा सोनभद्र में 30 प्रतिशत की कमी आयी है।

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