उत्तर प्रदेश क्राइम

अपराधियों पर पुलिस ने कसा शिकंजा, लक्ष्य से पहले वसूले 844 करोड़

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लखनऊ: प्रदेश की कानून व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए पिछले सौ दिनों में क्या-क्या काम हुआ, इसकी समीक्षा की गई। सोमवार को लोकभवन स्थित कमाण्ड सेंटर में अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने समीक्षा के दौरान पाया कि 25 के बजाय 50 विभिन्न प्रकार के माफियाओं (criminals) को चिन्हित कर उनके विरूद्ध हुई कार्रवाई की साप्ताहिक समीक्षा की जा रही है। इतना ही नहीं, सरकार ने सौ दिन में माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर 500 करोड़ रुपये वसूली करने का लक्ष्य रखा था। पुलिस विभाग ने इस लक्ष्य के सापेक्ष समय से पूर्व ही 844 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है।

इसी प्रकार प्रदेश के प्रत्येक थाना स्तर पर टॉपटेन अपराधियों (criminals) के चिन्हिकरण के तहत 15 हजार अपराधियों (criminals) के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसके तहत कुल 16,158 टॉपटेन अपराधी चिन्हित किये गये, जिनके विरूद्ध अब तक कुल 83,721 अभियोग पंजीकृत कराये जा चुके हैं। 648 करोड़ रुपये की सम्पत्ति भी जब्त की जा चुकी है।

समीक्षा में पाया कि माफिया गिरोहों, घुमन्तू, पारदी, बावरिया आदि गिरोहों की आपराधिक गतिविधियों पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाया गया है। पांच नई बीडीडीएस टीम,10 नई एएस चेक टीम के लिए भी जन शक्ति का चिन्हांकन कर लिया गया है। देश विरोधी गतिविधियों जैसे अवैध धर्मांतरण, आतंकवाद, नक्सलवाद, स्वचालित अवैध शस्त्र तस्करी, टेरर फंडिंग, आईएसआई पाक एजेण्ट, स्लीपर सेल्स, ऑनलाइन रेडिक्लाइजेशन, अवैध अप्रवासी, रोहिंग्याओं, बांग्लादेशियों अन्तरराष्ट्रीय मानव तस्करी सिंडीकेट के विरूद्ध भी प्रभावी कार्रवाई की गयी है।

स्वॉट की एक नई कमांडों टीम के गठन एवं उसकी ट्रेनिंग के लिए भूमि के चिन्हीकरण की कार्यवाही पूर्ण कर ली गयी है। अयोध्या में स्पेशल टास्क फोर्स की यूनिट का भी गठन किया जा चुका है। इसके अलावा 135 कमांडों की विभिन्न पदों पर नियुक्ति, उपकरणों व संसाधनों की व्यवस्था की कार्यवाही भी पूर्ण की जा चुकी है। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित सात जनपदों में एसएसबी के साथ समन्वय कर मानव तस्करी की रोकथाम के लिए प्रभावी प्रयास किये गये हैं। राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरों को और अधिक चुस्त-दुरूस्त व प्रभावी बनाये के उद्देश्य से पुलिस महानिदेशक मुख्यालय की अपराध शाखा में विलय किया जा चुका है। डिजिटल वॉलेन्टियर सी-प्लान एप में जुडें 12,39,216 सदस्यों की संख्या को बढ़ाकर 15 लाख करने के लक्ष्य में भी शत्-प्रतिशत की उपलब्धि प्राप्त करते हुये अब तक 15,30,454 सदस्यों को इस एप्प से जोड़ा जा चुका है।

अभियोजन प्रणाली को और अधिक चुस्त-दुरूस्त व प्रभावी बनाये जाने को ‘ई-अभियोजन मोबाईल एप’ विकसित किया गया है। महिलाओं के विरूद्ध पास्को अधिनियम के अपराधों में एक हजार अभियुक्तों को प्रभावी पैरवी कर सजा दिलाये जाने के क्रम में 1546 अभियुक्तों को सजा दिलाकर लक्ष्य से अधिक कार्रवाई की जा चुकी है। पुलिस में आगन्तुक महिलाओं एवं महिला पुलिस कर्मियों के लिए शौचालय एवं वॉशरूम की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। प्रचलित महिला बीट व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाया गया है तथा महिला सुरक्षा के लिए विशेष दल गठित कर भीड़ भरे स्थानों पर व्यापक अभियान चलाया गया। वीमेन पावर लाइन 1090 पर प्राप्त शिकायतों के शत-प्रतिशत शिकायतों का निस्तारण भी पूर्ण किया जा चुका है।

प्रदेश के प्रत्येक थाने में आम जनता के लिए स्वच्छ वातावरण के लिए साफ-सफाई व जनसामान्य के बैठने व स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था का सुनिश्चित की गयी है। सभी थानों में वृक्षारोपड़ अभियान के तहत जनपद में न्यूनतम 7500 पौधे लगाने के लक्ष्य के क्रम में 2,23,379 पौधे लगा कर शत्-प्रतिशत लक्ष्य पूर्ण किया गया है। पुलिस विभाग में युवाओं को रोजागार उपलब्ध कराने के 100 दिन के अभियान के तहत 10 हजार पुलिस भर्ती के निर्धारित लक्ष्य को समय से पहले ही शत्-प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है। पुलिस की इस भर्ती से चयनित उपनिरीक्षक एवं समकक्ष पदों पर 1805 महिला उप निरीक्षक एक साथ प्राप्त होंगी, जो महिलाओं के सशक्तिकरण के साथ-साथ महिलाओं की सुरक्षा एवं महिला हितों की दृष्टि से एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।

इस भर्ती में युवा वर्ग का सर्वाधिक प्रतिनिधित्व है तथा इसमें लगभग 60 प्रतिशत चयनित अभ्यर्थी 25 वर्ष से कम आयु के हैं। भर्ती पूरी तरह से निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से की गयी है। इसमें प्रदेश के हर जिले से प्रतिनिधित्व प्राप्त हुआ है। मेरठ में कोतवाल धनसिंह गुर्जर अत्याधुनिक पुलिस ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करने के लिए निर्धारित लक्ष्य के क्रम में पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय मेरठ का नाम परिवर्तित कर धनसिंह गुर्जर पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय किये जाने के निर्देश जारी किये गये हैं।

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उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल की तीन कम्पनियों को कानपुर मेट्रों की सुरक्षा के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है और इस बल की एक बटालियन को नई वर्दी से भी सुसज्जित किया गया है। तहसील मुख्यालयों पर अग्निशमन सेवा का अस्थाई संचालन किये जाने का लक्ष्य भी शत्-प्रतिशत पूर्ण करते हुये सभी तहसील मुख्यालयों पर फायर टेण्डर मय स्टाफ स्थापित करा दिये गये हैं। फायर सर्विस नें अनापत्ति निर्गमन प्रक्रिया को आवेदको के अनुकूलन के लिए सरलीकरण किया गया है। यूपी-112 टीम ने रिस्पॉन्स टाइम को 10 मिनट किये जाने के निर्धारित लक्ष्य में भी अच्छी सफलता प्राप्त की है। वर्ष-2017 में यह रिस्पॉन्स टाइम 38.32 मिनट था, जिसमें अभूतपूर्व प्रगति करते हुये वर्तमान समय में उक्त उपलब्धि प्राप्त की गयी है। प्रदेश के प्रत्येक जनपद के 1531 थानों पर साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना की जा चुकी हैं। जिले के सभी साइबर थाना प्रभारी अपने-अपने थाने क्षेत्रों के कॉलेज, स्कूलों, कोचिंग व अन्य सार्वजनिक स्थानों जैसे रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, अस्पताल समेत अन्य स्थानों पर साइबर जागरूकता कार्यक्रम निरन्तर कराया जा रहा है।

साइबर थानों में लम्बित अभियोगों में कम से कम 25 प्रतिशत तक का विधिक निस्तारण कराये जाने के लक्ष्य के क्रम में परिक्षेत्रीय साइबर थानों में 108 अभियोगों का निस्तारण किया गया है। साइबर हेल्प लाइन नम्बर 1930 पर आ रही शिकायतों को वरीयता पर निस्तारण कराने के क्रम में अब तक 1090 पर प्राप्त कुल 25123 शिकायतों पर विधिक कार्रवाई करते हुये कुल रूपये 4 करोड़ 13 लाख रुपये से अधिक की धनराशि होल्ड करायी गयी। यातायात नियमों के उल्लघंन पर मौके पर ही क्रेडिट, डेबिट कार्ड से ई-चालान से भुगतान किये जाने की व्यवस्था की जा रही है। सीसीटीएनएस के साथ एंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस के एकीकरण का कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है।

पुलिस विभाग में आवासीय एवं अनावासीय भवनों के 675 निर्माण कार्यों में कार्यदायी संस्था नामित कर डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं। सभी पीएसी बैरकों के रख-रखाव व मरम्मत का अनुमान लगाकर उन्हें ठीक करने की कार्रवाई योजनाबद्ध तरीके से शुरू की गयी है।

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