लखनऊ: प्रदेश में लहसुन की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत विशेष योजना बनाई है। यह मिशन भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है। इसे प्रदेश के 45 जिलों में लागू किया जा रहा है। ये जिले हैं- गाजियाबाद, बरेली, मुरादाबाद, आगरा, मथुरा, मैनपुरी, हाथरस, कानपुर, इटावा, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, रायबरेली, बाराबंकी, सुल्तानपुर, प्रयागराज, सिद्धार्थ नगर, बलिया, कुशीनगर, महराजगंज, बांदा, हमीरपुर, जालौन, चित्रकूट, महोबा, ललितपुर, मिर्ज़ापुर, कौशांबी, प्रतापगढ़, मेरठ, बुलन्दशहर, कन्नौज, लखनऊ, उन्नाव, सीतापुर, वाराणसी, जौनपुर, ग़ाज़ीपुर, बस्ती, संत कबीर नगर, सोनभद्र, भदोही, गोरखपुर, झाँसी, अयोध्या और फर्रुखाबाद।
किसानों को मिलेग 40 प्रतिशत अनुदान
इस मिशन के तहत केन्द्रांश 60 प्रतिशत एवं राज्यांश 40 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। लहसुन बीज की कीमत 370 से 390 रुपए प्रति किलो तय की गई है। योजना के तहत राज्य में उद्यानिकी विभाग ने अनुमन्य इकाई लागत 30 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर तय की है। इसमें किसानों को 40 प्रतिशत (अधिकतम) अनुदान दिया जाएगा। प्रति हेक्टेयर 12,000 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। यह सब्सिडी प्रति किसान न्यूनतम 0.2 हेक्टेयर से अधिकतम 4.0 हेक्टेयर भूमि के लिए उपलब्ध होगी। लहसुन का बीज किसानों को राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास संस्थान, नई दिल्ली द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। बीज की कीमत 370 से 390 रुपए प्रति किलो रखी गई है।
पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर लाभ
10 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में लहसुन की खेती का लक्ष्य है। किसान पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इच्छुक किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। किसानों को अपने जिले के जिला बागवानी अधिकारी कार्यालय से संपर्क करना होगा। इसके साथ ही किसान योजना में पंजीकरण के लिए विभाग की आधिकारिक वेबसाइट http://dbt.uphorticulture.in पर ऑनलाइन पंजीकरण भी करा सकते हैं।
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लहसुन की बढ़ती मांग और इसकी गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने मसाला क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम के तहत 10 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्रफल में लहसुन की खेती का लक्ष्य रखा है।
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