UP, लखनऊः प्रदेश में प्राइमरी और अपर प्राइमरी (कक्षा आठ तक) स्कूलों के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन व लो टेंशन (एचटी-एलटी) बिजली की लाइनों को हटाया जाएगा। हालांकि, बिजली लाइनों को हटाने का खर्च बेसिक शिक्षा विभाग खुद उठाएगा। बिजली लाइनों की शिफ्टिंग अथवा हटाने पर आने वाले खर्च का ब्यौरा मांगा गया है।
UP में 6,500 से अधिक स्कूलों के ऊपर से गुजर रही हैं लाइनें
दरअसल, स्कूलों को मान्यता देने के नए नियम के अनुसार यदि किसी विद्यालय भवन या परिसर के ऊपर से बिजली के तार गुजर रहे हैं, तो ऐसी दशा में उस स्कूल को मान्यता नहीं दी जा सकती है। यह मानक मान्यता के शीर्ष पांच मानकों में से एक है। प्रदेश के 39 जनपदों के करीब 2,700 से अधिक माध्यमिक विद्यायलों के ऊपर से एचटी, एलटी लाइनें दौड़ रही हैं, वहीं प्रदेश के 37 जनपदों के 3,900 से अधिक प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों से लाइनें गुजर रही हैं। ऐसे में अब बेसिक शिक्षा विभाग ने अपने खर्चे पर लाइनों को हटाने का फैसला लिया है।
इन लाइनों को हटाने के लिए बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग लगातार विद्युत विभाग से निवेदन करता रहा, लेकिन लाइन शिफ्टिंग में होने वाले भारी-भरकम खर्च को लेकर बात अटक जाती थी। शासन स्तर से भी कई बार दोनों विभागों बीच सर्वमान्य हल निकालने के प्रयास किए गए, लेकिन हर बार भारी-भरकम खर्च आड़े आ जा रहा था। अंततः बात बनती न देखकर बेसिक शिक्षा विभाग ने परिषदीय प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों के ऊपर से गुजरने वाली लाइनों को अपने खर्चे पर हटाने का निर्णय लिया। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने के लिए पत्र भेजा है।
इसके साथ ही एक सर्कुलर के साथ प्रोफार्मा भी भेजा है, जिसमें बेसिक शिक्षा अधिकारियों को उनके जिले में ऐसे स्कूलों की संख्या भरने को कहा गया है, जिन स्कूलों के ऊपर से बिजली की लाइन गुजर रही हैं। इसके साथ ही विद्युत विभाग से संपर्क कर इन लाइनों को हटाने या शिफ्ट करने के खर्च का ब्यौरा भी देने को कहा गया है। प्रदेश के आगरा, फिरोजाबाद, सुलतानपुर, आजमगढ, गोंडा, बहराइच, बुलंदशहर, चित्रकूट, हमीरपुर, एटा, मुजफ्फरनगर, फतेहपुर, लखीमपुर खीरी, मुरादाबाद ऐसे जनपद हैं, जहां पर ऐसे स्कूलों की संख्या सबसे अधिक है।
झटपट पोर्टल पर आवेदकों के तलाशे जा रहे रिकॉर्ड
झटपट पोर्टल के अपग्रेडेशन के बाद आवेदकों का रिकॉर्ड गायब हो गया है। अब पोर्टल पर आवेदकों के रिकॉर्ड को तलाशा जा रहा है। यूपीपीसीएल की ओर से लेसा समेत प्रदेश भर में झटपट पोर्टल के जरिए कनेक्शन दिए जा रहे हैं। बीते दिनों पोर्टल को अपडेट किया गया था। जिसके बाद 3,000 से अधिक आवेदकों का डाटा पोर्टल पर दिख ही नहीं रहा है। 11 जनवरी से पहले आवेदन करने वाले आवेदकों के कनेक्शन सम्बंधी दस्तावेज नहीं मिल रहे हैं, ऐसे में इन आवेदकों को कनेक्शन नहीं मिल पा रहा है। आईटी इंजीनियर पोर्टल पर रिकॉर्ड को रिकवर करने में लगे हैं।
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मीटर का शुल्क मांगे तो शिकायत करें
लेसा में फिर से उपभोक्ताओं के घरों, दुकानों से इलेक्ट्रॉनिक मीटर हटाकर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। पुराने केबल की जगह आर्मर्ड केबल लगाया जा रहा है। यूपीपीसीएल द्वारा स्मार्ट मीटर व आर्मर्ड केबल लगाने का काम निःशुल्क कराया जा रहा है। हालांकि, लेसा के कई खंडों में स्मार्ट मीटर लगाने वाली एजेंसी के कर्मचारी आर्मर्ड केबल का शुल्क मांग रहे हैं। ऐसे में लेसा अभियंताओं ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि यदि कोई कर्मी स्मार्ट मीटर बदलने, आर्मर्ड केबल लगाने के नाम पर शुल्क मांगे तो तत्काल इलाकाई इंजीनियरों (एक्सईएन, एसडीओ, जेई) और टोल फ्री नंबर 1912 पर शिकायत करें। यूपीपीसीएल की ओर से एडवांस्ड मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विस प्रोवाइडर (एएमआईएसपी) योजना के तहत स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं।
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