लखनऊः राजधानी लखनऊ के बख्शी का तालाब विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस, सपा, बसपा और भाजपा के प्रत्याशियों के समर्थकों ने प्रचार किया। बख्शी का तालाब विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के ललन कुमार, सपा के गोमती यादव और भाजपा के योगेश शुक्ला के मध्य त्रिकोणीय मुकाबला हो रहा है। स्कूल-काॅलेज की राजनीति कर बख्शी का तालाब से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे सलाउद्दीन वैसे तो जाना माना नाम है लेकिन विधानसभा क्षेत्र में उनका चुनाव प्रबंधन कमजोर सा दिख रहा है। मुस्लिम क्षेत्र को छोड़ दिया जाये तो अन्य वर्ग के गांवों में उनके नाम को लेकर उत्साह कम है। विधानसभा के शहरी क्षेत्र में उनकी थोड़ी बहुत लड़ाई भाजपा के योगेश शुक्ला से होती दिख रही है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के करीबी भाजपा के प्रत्याशी योगेश शुक्ला पार्टी संगठन के दम पर लड़ाई में चारो ओर बने हुए हैं। उनके समर्थन में सुबह-शाम बूथ कार्यकर्ता गलियों में प्रचार कर रहे हैं। भाजपा के बेस वोटरों के बीच तो योगेश शुक्ला का नाम लेना ही काफी है, वे चर्चा का विषय बने हुए हैं। कांग्रेस के ललन कुमार अपनी इमेज बनाने के बाद चुनाव मैदान में उतरे हैं और उनके पीछे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू एवं नसीमुद्दीन सिद्दकी रणनीति तैयार करने में जुटे रहे हैं। ललन कुमार ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को अपने साथ लाने और उसे वोट में बदलने में लगे हैं।
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कांग्रेस महासचिव प्रियंका के ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ के नारे को भी वे चरितार्थ कराने में जुटे हैं। गोमती यादव का नाम बख्शी का तालाब क्षेत्र में नया नहीं हैं, वे पहले भी सन् 1991, 96 में भाजपा के टिकट पर ही विधायक रह चुके हैं। इसके बाद वे साइकिल पर सवार हो गये थे। साइकिल पर सवार होने के बाद उनकी किस्मत उतनी साथ नहीं दी। बख्शी का तालाब विधानसभा में सीधी टक्कर तो भाजपा और कांग्रेस की ही है, लेकिन सपा की नई हवा का थोड़ा बहुत असर होने के कारण विधानसभा में लड़ाई त्रिकोणीय हो गयी है। वहीं अभी बसपा प्रत्याशी सलाउद्दीन लड़ाई में जगह नहीं बना सके है। मीडिया में प्रचार कर और बसपा से जुड़े नेताओं के साथ बैठकें कर सिर्फ माहौल ही बना पाये हैं।
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