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शिवराज सरकार की नई शराब नीति से उमा भारती हुई गदगद, बोलीं- बड़े भाई ने

uma-bharati नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मध्य प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई। वहीं भाजपा को सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की ओर से बड़ी राहत मिलती नजर आई। मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम व फायर ब्रांड हिंदू नेता की छवि वाली उमा भारती ने पिछले लंबे समय से प्रदेश की अपनी ही शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था, जिससे कई बार पार्टी और सरकार के लिए असहज होना पड़ा था । लेकिन शिवराज सरकार की नई शराब नीति से गदगद उमा भारती ने सोमवार को मुख्यमंत्री की जमकर तारीफ की। उमा भारती ने अपने ट्वीट में कहा कि ‘मुख्यमंत्री शिवराज का आभार। सीएम शिवराज ने बतौर बड़े भाई यह फैसला लेकर मुझे संतोष दिया। उमा भारती ने अपने अगले ट्वीट में कह, मध्य प्रदेश मंत्रिपरिषद की कल सायंकाल हुई बैठक में हमारी सरकार के द्वारा घोषित की गई नई शराब नीति एक ऐतिहासिक एवं क्रांतिकारी निर्णय है, इसके लिए एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान का मध्य प्रदेश के सभी नागरिकों खासकर के महिलाओं की तरफ से अभिनंदन। ये भी पढ़ें..चुनाव से पहले सड़कों की बदलेगी सूरत, Road के कायाकल्प के लिए CM शिवराज आज करेंगे पहली किस्त जारी प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती यहीं नहीं रुकी उन्होंने शराब नीति के लिए मध्य प्रदेश को मॉडल स्टेट बताते हुए सिलसिलेवार कई ट्वीट किए। उमा भारती ने कहा, शिवराज सिंह ने अपनी सरकार के इरादे साफ कर दिए कि हमारे लिए जनहित ही सर्वोपरि है। इस शराब नीति का यह बिंदु बहुत महत्वपूर्ण है कि शराब की दुकानों के लिए भारी जन विरोध हुआ है उनकी नीलामी ही नहीं होगी। हालांकि मुख्यमंत्री द्वारा अपनी वचनबद्धता पूरी करने की बात कहने के साथ ही उमा भारती ने यह भी जोड़ा कि जब नई शराब नीति लागू होगी तो सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों और पुलिस प्रशासन को काफी सतर्क रहना पड़ेगा। उमा भारती ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि 'शराब की दुकान के सामने बैठकर शराब पीना पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। पूरे प्रदेश के परिसरों को बंद करने का निर्णय और शराब के नशे में वाहन चलाने पर सजा का प्रावधान इस नीति के विशेष अंग हैं, जो मध्य प्रदेश को शराब नीति के लिए आदर्श राज्य बना रहे हैं।  बता दें कि उमा भारती 2003 में कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के दस साल के शासन को समाप्त कर मध्य प्रदेश की सीएम बनीं थी, लेकिन उन्हें 2004 में इस्तीफा देना पड़ा और फिर भाजपा ने पहले बाबूलाल गौर और फिर शिवराज सिंह चौहान को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया। बीजेपी ने लगातार तीन बार (2003, 2008 और 2013) राज्य विधानसभा चुनाव जीते लेकिन 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा और कांग्रेस की ओर से कमलनाथ मुख्यमंत्री बने। हालांकि, कांग्रेस के दिग्गज नेता और राहुल गांधी के करीबी ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के कारण कमलनाथ सरकार गिर गई और 2020 में शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री बने। गौरतलब है कि राज्य में इस साल चुनाव होने हैं और बीजेपी 2018 की तरह इस बार भी बहुमत हासिल करने से नहीं चूकना चाहती। पिछले महीने दिल्ली में हुई बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी भी पार्टी नेताओं को सलाह दे चुके हैं। अति आत्मविश्वास से बचें और चुनाव जीतने के लिए एकजुट होकर काम करें। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)