ब्रिटेनः संकट में जॉनसन सरकार, स्वास्थ्य और वित्त मंत्री ने दिया इस्तीफा

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लंदनः ब्रिटेन में बोरिस जॉनसन के नेतृत्व वाली सरकार को लगातार झटके लग रहे हैं। अब मंगलवार को ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक और स्वास्थ्य सचिव साजिद जाविद ने इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने के बाद दोनों कैबिनेट मंत्रियों ने कहा कि अब उन्हें प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर भरोसा नहीं रहा है। दोनों कैबिनेट मंत्रियों के इस्तीफ के बाद प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की सरकार पर संकट गहरा गया है।

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इस्तीफा देने के बाद स्वास्थ्य सचिव जाविद ने कहा कि सरकार में एक के बाद एक घोटालों के बाद जॉनसन ने शासन करने की क्षमता पर विश्वास खो दिया है। जॉनसन को लिखे इस्तीफे में स्वास्थ्य सचिव जाविद ने कहा कि मेरे लिए यह स्पष्ट है कि अब स्थिति आपके नेतृत्व में बदलेगी नहीं और इसलिए आप पर मेरा आत्मविश्वास भी खो गया है। प्रधानमंत्री को अपना इस्तीफा भेजने के बाद ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने ट्वीट किया, जनता उम्मीद करती है कि सरकार सही ढंग से, सक्षम और गंभीरता से चलेगी। मैं मानता हूं कि यह मेरी आखिरी मंत्री पद की नौकरी हो सकती है लेकिन मेरा यह भी मानना है कि इन मानकों के लिए लड़ना जायज है और इसलिए मैं इस्तीफा दे रहा हूं।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपने ऊपर बढ़ते दबाव के बीच मंगलवार को स्वीकार किया था कि संसद के एक दागदार सदस्य को सरकार के अहम पद पर नियुक्त करना गलत था। जॉनसन की माफी के कुछ समय बाद सुनक ने इस्तीफा दे दिया। जॉनसन ने कहा था कि उन्हें इस बात का बहुत खेद है कि उन्होंने निलंबित सांसद क्रिस पिंचर के खिलाफ कदाचार की शिकायत का पता होने के बाद भी उन्हें ‘डिप्टी चीफ व्हिप’ के सरकारी पद पर नियुक्त किया।

ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद के इस्तीफे के तत्काल बाद भारतवंशी ब्रिटिश मंत्री सुनक ने भी ट्विटर पर अपना त्यागपत्र देने की जानकारी साझा की। एक साथ दो मंत्रियों का इस्तीफा जॉनसन के नेतृत्व वाली सरकार के लिए बड़ा झटका साबित होगा। इससे पहले एक पूर्व नौकरशाह ने हाल में निलंबित सांसद क्रिस पिंचर के खिलाफ आरोपों से निपटने के ‘डाउनिंग स्ट्रीट’ के तरीके को लेकर टिप्पणी की थी।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले जॉनसन को पिछले महीने ही अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा था, जो कोविड-19 के कारण लगाये गये लॉकडाउन के दौरान सरकारी इमारतों में आयोजन करने की जांच से संबद्ध था। हालांकि इस दौरान बोरिस ने 359 कंजर्वेटिव सांसदों में से 211 का समर्थन हासिल कर सफलतापूर्वक अपनी सरकार बचा ली थी।

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