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Ujjain: शिव की नवरात्रि शुरू, नौ दिन नौ रूपों में भक्तों को दर्शन देंगे बाबा

ujjain, भोपालः हर साल की तरह इस साल भी उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्रि का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। इसकी शुरुआत आज (गुरुवार) से हो रही है। महाशिवरात्रि तक चलने वाले इस उत्सव के दौरान भगवान अलग-अलग रूपों में भक्तों को दर्शन देंगे। यानी शिव-नवरात्रि के नौ दिनों तक भगवान का नौ रूपों में आकर्षक शृंगार किया जाएगा।

अनोखा सजेगा दरबार

इस संबंध में महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि भगवान महाकाल का दरबार अनोखा है। देश में सभी त्योहारों की शुरुआत बाबा महाकाल के आंगन से ही होती है। महाशिवरात्रि पर्व का उत्साह भी पूरे नौ दिनों तक दिखाई देता है। यहां फाल्गुन कृष्ण पंचमी से लेकर महाशिवरात्रि त्रयोदशी तक शिवनवरात्रि महोत्सव मनाया जाता है।

किस दिन होगा कौन श्रृंगार

उन्होंने बताया कि आज शिव पंचमी की पूजा के साथ शिव नवरात्रि शुरू हो रही है। सबसे पहले पुजारी कोटितीर्थ कुंड के पास स्थित श्री कोटेश्वर महाकाल का अभिषेक-पूजन कर हल्दी चढ़ाएंगे। करीब डेढ़ घंटे की पूजा के बाद सुबह 9.30 बजे से गर्भगृह में भगवान महाकाल की पूजा-अर्चना की जाएगी। पुजारी भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक कर पूजन करेंगे। इसके बाद 11 ब्राह्मणों द्वारा रुद्रपाठ किया जाएगा। बाद में दोपहर 1 बजे भोग आरती होगी। शाम की पूजा के बाद तीन बजे नौ दिनों तक भगवान का अलग-अलग स्वरूपों में विशेष शृंगार किया जाएगा।

शिवनवरात्रि के दौरान भगवान महाकाल का नौ दिनों तक नौ रूपों में शृंगार किया जाएगा। पहले दिन भगवान महाकाल का चंदन से शृंगार किया जाएगा। भगवान को सोला दुपट्टा धारण कराया जाएगा। मुकुट, मुंडमाला और छत्र आदि आभूषणों से शृंगारित किया जाएगा। दूसरे दिन शेषनाग श्रृंगार, तीसरे दिन घटाटॉप श्रृंगार, चौथे दिन छबीना श्रृंगार, पांचवें दिन होल्कर स्वरूप, छठे दिन मनमहेश स्वरूप, उमा महेश स्वरूप महाशिवरात्रि के अवसर पर सातवें दिन श्रृंगार, आठवें दिन शिवतांडव श्रृंगार और नौवें दिन सप्तधान श्रृंगार किया जाता है।

यह भी पढ़ेंः-Shri Mahakaleshwar Temple: महाकाल का पंचामृत पूजन के बाद हुआ भांग से दिव्य श्रृंगार

महाकाल मंदिर में प्रतिदिन सुबह 10:30 बजे भोग आरती और शाम 5 बजे संध्या पूजा होती है। शिव नवरात्रि में पूजा का विशेष क्रम होने के कारण दोपहर 1 बजे भोग आरती और 3 बजे संध्या पूजा होगी। मंदिर के पुजारी भी शिव नवरात्रि के नौ दिनों तक व्रत रखेंगे। महापर्व के समापन के बाद मंदिर समिति 9 मार्च को पारण का आयोजन करेगी।

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