Thursday, October 24, 2024
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Homeउत्तर प्रदेशपेट्रोल पम्पों पर धोखाधड़ी का जाल, उपभोक्ता हो रहे कंगाल

पेट्रोल पम्पों पर धोखाधड़ी का जाल, उपभोक्ता हो रहे कंगाल


लखनऊः पेट्रोल और डीजल के दाम देश के कई शहरों में 100 रुपए के पार पहुंच चुके हैं और इसके बढ़ते दाम ने आम आदमी की जेब पर सीधा असर डाला है। अगर आप भी अपनी गाढी कमाई से कार या बाइक में पेट्रोल डलवा रहे हैं, तो आपको सतर्क रहना होगा। कई बार अब पेट्रोल पम्प पर पेट्रोल भरवाते वक्त आप ठगी का शिकार हो जाते हैं और आपको पता भी नहीं लगता। हाल ही में यूपी एसटीएफ ने पेट्रोल-डीजल की ठगी को लेकर एक ऐसे ही मामले का पर्दाफाश किया है।


यूपी एसटीएफ ने जनपद मेरठ एवं सीमावर्ती जनपद बागपत व हापुड स्थित नायरा पेट्रोल पम्पों में अतिरिक्त मदरबोर्ड लगाकर पेट्रोल-डीजल में मिलावट व धोखाधड़ी कर मानक के विपरीत तेल बेचने वाले पम्पों का भंडाफोड़ कर पम्प मालिक व तकनीकी मास्टरमाइंड सतेन्द्र को गिरफ्तार किया है। पहले मेरठ में पम्प मालिक और नायरा कम्पनी के स्टाफ पर आपूर्ति विभाग की गलती के कारण सिर्फ आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 में मुकदमा दर्ज हुआ था। मामला शासन स्तर तक पहुंचा। उसके बाद आपूर्ति विभाग को फटकार लगाकर मुकदमें में आईपीसी की धारा 420, 468 और 471 का इजाफा किया गया है। ऐसे में अब आरोपितों को आसानी से जमानत नहीं मिल पाएगी। एसटीएफ का दावा है कि इलेक्ट्राॅनिक्स उपकरण में छेड़छाड़ की गई है, जिसकी वजह से घटतौली और पेट्रोल में मिलावट की जा रही थी। उक्त मशीनों में मदरबोर्ड और आटोमेशन लगाने वाले कुछ अन्य युवकों के नाम सामने आए है, जिन्हें जल्द ही आरोपित बनाया जाएगा।

यूपी एसटीएफ को जानकारी मिली थी कि जनपद मेरठ व उसके आस-पास के जनपदों में पेट्रोल पम्पों पर मशीनों में अलग से मदरबोर्ड (कार्ड) व डिस्प्ले लगाकर तथा पेट्रोल व डीजल में सॉल्वेन्ट मिलाकर धोखाधड़ी की जा रही है। जनपद मेरठ, बागपत व हापुड़ में स्थित कई पेट्रोल पम्पों को चिन्हित कर एक साथ संयुक्त छापेमारी की गई, जिसमें निम्नलिखित पेट्रोल पम्पों पर पाया गया कि कम्पनी द्वारा लगाए गए मदरबोर्ड का बाईपास तैयार कर मशीनों में लगे नोजल्स को चलाने वाले मदरबोर्ड से अतिरिक्त अलग से मदरबोर्ड (कार्ड) लगाकर नोजल को इस कार्ड से कनेक्ट किया गया था। इतना ही नहीं तेल के स्टॉक को भी चेक किया गया, जिसमें निर्धारित स्टॉक से अत्यधिक मात्रा में स्टॉक पाया गया, जिसे सॉल्वेन्ट मिलाकर तैयार किया गया था। इसी निर्धारित स्टॉक से अधिक स्टॉक को अतिरिक्त लगाए गए मदरबोर्ड (कार्ड) के माध्यम से बेच रहे थे, जिसका न तो मशीन में और न ही अन्य कहीं किसी प्रकार का कोई रिकाॅर्ड मौजूद था।

रिपोर्ट-पवन सिंह चौहान

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