Top Women Boxers In The World: दुनिया की टॉप महिला मुक्केबाज, जिन्होंने मनवाया अपना लोहा

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Top Women Boxers In The World: महिला मुक्केबाजों की लोकप्रियता और पहचान में हाल के वर्षों में काफी वृद्धि हुई है। असाधारण प्रतिभा, कौशल और दृढ़ संकल्प के साथ महिला मुक्केबाजों ने दुनिया भर में लोकप्रियता हासिल की है। महिला मुक्केबाजों ने बाधाओं को तोड़ते हुए और लैंगिक रूढ़िवादिता को चुनौती देते हुए वर्तमान पीढ़ी के लिए आगे का मार्ग खोल दिया है।

महिलाओं के बॉक्सिंग मैच भी पुरुषों के मुकाबलों की तरह ही प्रतिस्पर्धी व रोमांचक होते हैं। पुरुषों की तरह ही महिला मुक्केबाज़ अपने कौशल, शक्ति और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन करती हैं, जिससे प्रशंसकों को रोमांचक और यादगार मुकाबले दिखने को मिलते हैं। महिला बॉक्सर्स भी पुरुष मुक्केबाजों के समान भार वर्ग प्रणाली का पालन करती है। ये प्रतियोगिता तय करती है कि प्रतिभागियों को समान आकार और वजन के विरोधियों के खिलाफ मुकाबला होता है।

इस लेख में, हम दुनिया की टॉप 10 महिला बॉक्सर्स के बारे में जानेंगे। साथ ही महिला मुक्केबाजी के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्यों पर भी चर्चा करेंगे। इसके अलावा उनकी उपलब्धियों पर भी प्रकाश डालेंगे।
अमेरिका की न प्रोफेशनल बॉक्सर क्लारेसा शील्ड्स

क्लारेसा शील्ड्स (Claresa Shields)

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दुनिया की टॉप 10 महिला बॉक्सर्स में अमेरिका की पेशेवर मुक्केबाज क्लारेसा शील्ड्स का नाम पहले स्थान पर आता है। 28 साल की क्लारेसा शील्ड्स को “GWOAT” (सभी समय की महानतम महिला) कहा जाता है। क्लारेसा शील्ड्स के बॉक्सिंग करियर की बात करें तो उन्होंने 11-0 के प्रभावशाली रिकॉर्ड के साथ दो भार वर्गों में कई विश्व खिताब जीते हैं। रिंग में उनकी तकनीकी कौशल और कड़ी मेहनत ने इतिहास की सबसे महान महिला मुक्केबाजों में एक के रूप में स्थापित किया है।

चैंटेल कैमरून (Chantel Cameron)

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महिला मुक्केबाजों के बीच चैंटेल कैमरून एक उभरता हुआ सितारा बनकर उभरी हैं। पाउंड-फॉर-पाउंड फाइटर केटी टेलर पर उनकी जीत ने उनके असाधारण कौशल का प्रदर्शन किया। कैमरून की कड़ी मेहनत और शक्तिशाली मुक्के उन्हें लाइटवेट डिवीजन में सबसे ताकतवर बनाते हैं। हालांकि इस महीने की शुरुआत में 32 साल की ब्रिटिश फाइटर कैमरून को अपने पेशेवर करियर की पहली हार का सामना करना पड़ा था। वह केटी टेलर से हार गईं थी। चैन्टेल कैमरून एक अंग्रेजी पेशेवर मुक्केबाज हैं। वह दो भार वर्गों में पूर्व विश्व चैंपियन है, जिसमें पूर्व निर्विवाद लाइट-वेल्टरवेट चैंपियन भी शामिल है। उन्होंने 2020 और 2023 के बीच WBC खिताब भी अपने नाम किया है।

केटी टेलर (Katie Taylor)

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37 साल की आयरलैंड की पेशेवर मुक्केबाज केटी टेलर पूर्व फुटबॉलर हैं। 1986 में जन्मी केटी टेलर ने अपने मुक्केबाजी करियर में महिला विश्व चैंपियनशिप में लगातार 5 स्वर्ण पदक, यूरोपीय चैंपियनशिप में 6 बार स्वर्ण पदक जीते हैं। बता दें कि टेलर आयरलैंड की सबसे लोकप्रिय मुक्केबाज है। इसके अलावा उन्हें विदेश में महिला मुक्केबाजी की प्रतिष्ठा बढ़ाने का श्रेय भी दिया जाता है। ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता केटी टेलर महिला मुक्केबाजी के लिए सबसे प्रमुख रही हैं। उनकी तकनीकी प्रतिभा, गति और रिंग की समझ ने उन्हें अलग पहचान दिलाई है। चैंटेल कैमरून से हाल ही में मिली हार के बावजूद टेलर की विरासत बरकरार है।

अमांडा सेरानो (Amanda Serrano)

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34 वर्षीय अमांडा सेरानो सात भार वर्गों में विश्व चैंपियन हैं, इस नंबर पर केवल मैनी पैकक्विओ ही प्रतिद्वंद्वी हैं। अमांडा सेरानो की नॉकआउट शक्ति और बहुमुखी प्रतिभा ने उन्हें महिला मुक्केबाजी में एक मजबूत ताकत बना दिया है। 41-1-1 के आश्चर्यजनक रिकॉर्ड के साथ, सेरानो ने कई भार वर्गों में विश्व खिताब जीते हैं। विभिन्न विरोधियों के साथ तालमेल बिठाने और विनाशकारी मुक्के मारने की उनकी क्षमता की वजह से सबसे रोमांचक खिलाड़ियों के रुप से जाना जाता है।

सेनिसा एस्ट्राडा (Seniesa Estrada)

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सेनिसा एस्ट्राडा बिजली की तरह तेज और रिंग में विरोधियों पर अपनी असाधारण गति और तकनीकी कौशल का प्रदर्शन किया है। विरोधियों पर हावी होने और सटीक संयोजन बनाने की उनकी क्षमता ने उन्हें फ्लाईवेट डिवीजन में एक उभरता हुआ सितारा बना दिया है। उन्होंने मार्च 2021 से WBA महिला न्यूनतम वजन का खिताब और मार्च 2023 से विश्व मुक्केबाजी परिषद (WBC) महिला न्यूनतम वजन का खिताब अपने पास रखा है। सेनिसा एस्ट्राडा के नाम 22-0 का शानदार रिकॉर्ड है। बता दें कि सेनिसा एस्ट्राडा एक अमेरिकी पेशेवर मुक्केबाज हैं। उन्हेंने आठ साल की उम्र से ही मुक्केबाजी शुरू कर दी थी।

नताशा जोनास (Natasha Jonas)

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नताशा जोनास के लचीलेपन और दृढ़ संकल्प ने उन्हें महिला मुक्केबाजी में सबसे आगे खड़ा कर दिया है। जोनास ने दो-वर्ग विश्व चैंपियन के रूप में असफलताओं पर काबू पाया और रिंग में अपने कौशल का प्रदर्शन किया। कंडी व्याट पर उनकी हालिया जीत ने वेल्टरवेट डिवीजन में एक ताकत के रूप में उनकी स्थिति को मजबूत कर दिया है। इतना ही नहीं 2014 यूरोपीय चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता जोनास 2012 में ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करने वाली पहली ब्रिटिश महिला मुक्केबाज थीं, जो क्वार्टर फाइनल में केटी टेलर से हार गईं थी। नताशा जोनास एक ब्रिटिश पेशेवर मुक्केबाज हैं, दो वर्ग वाली विश्व चैंपियन हैं।

मिकाएला मेयर (michaela mayer)

मिकाएला मेयर की तकनीकी प्रतिभा ने उन्हें दुनिया की शीर्ष महिला boxers में जगह दिलाई है। WBO जूनियर लाइटवेट चैंपियन के रूप में, मेयर ने अपने जबरदस्त प्रदर्शन और कौशल ये साबित कर दिया कि वह रिंग की किंग है। हाल ही में एलिसिया बॉमगार्डनर से हार के बावजूद, मेयर की प्रतिभा और क्षमता बरकरार है।

सवाना मार्शल (Savannah Marshall)

सवाना रोज़ मार्शल एक ब्रिटिश पेशेवर मुक्केबाज हैं। उन्होंने दो भार वर्गों में विश्व चैंपियनशिप अपने नाम की है। एक शौकिया के रूप में उन्होंने साल 2012 विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण हासिल करने के बाद पहली ब्रिटिश महिला विश्व चैंपियन बनीं थी। उनके शर्मीले स्वभाव और कई नॉकआउट जीतों के कारण उन्हें ‘साइलेंट असैसिन’ का उपनाम दिया गया है। इसके अलावा सवाना मार्शल की फ्रैंचॉन क्रूज़-डेज़र्न पर हालिया जीत ने उन्हें निर्विवाद मिडिलवेट चैंपियन बना दिया।

अपने तकनीकी कौशल और फुर्ती के साथ मार्शल ने खुद को रिंग में एक प्रमुख मुक्केबाज के रूप में साबित किया है। क्लारेसा शील्ड्स के साथ संभावित रीमैच खेल में उनकी स्थिति को और ऊंचा कर सकता है। बता दें कि ( एक निर्विवाद चैंपियन वह फाइटर होता है जिसके पास एक डिवीजन में सभी चार प्रमुख चैंपियनशिप बेल्ट (आईबीएफ, डब्लूबीए, डब्लूबीसी और डब्लूबीओ) होते हैं।)

एमसी मैरी कॉम (Mary Kom)

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एमसी मैरी कॉम एक ऐसी महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपने प्रदर्शन से भारत का नाम रोशन किया है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह इस धरती की सबसे दिलचस्प एथलीटों में से एक हैं । इतना ही नहीं उनके जीवन पर पहले ही एक फिल्म बन चुकी है। मैरी कॉम की कहानी बहुत दिलचस्प है। भारत के एक गरीब परिवार में जन्मी मैरी कॉम का जीवन संघर्षपूर्ण रहा है।

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41 वर्षीय मैरी कॉम ने 2001 में महिला मुक्केबाजी की दुनिया में कदम रखा। मैरी कॉम ने सभी 8 एआईबीए (AIBA) विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में पदक जीते हैं। इसमें 6 स्वर्ण, 1 रजत और 1 कांस्य पदक शामिल है। उन्होंने साल 2019 में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इसके अलावा वह फ्लाईवेट बॉक्सर के तौर पर AIBA वर्ल्ड रैंकिंग में नंबर 1 पर भी पहुंची थीं। 2012 लंदन ओलंपिक खेलों में प्रतिस्पर्धा करते हुए, मैरी कॉम ने निकोला एडम्स से हारने के बाद कांस्य पदक जीता। महिला मुक्केबाजी में यह भारत का पहला ओलंपिक पदक था।

महिला बॉक्सर्स का इतिहास ( History of Female boxing ) 

महिला बॉक्सर्स का इतिहास 18वीं सदी के उत्तरार्ध से है, पहला रिकॉर्डेड महिला मुक्केबाजी मैच 1722 में लंदन में हुआ था। महिला बॉक्सर्स को आधिकारिक तौर पर 2012 में ओलंपिक खेलों में शामिल किया गया था, जो खेल की मान्यता और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। इसके बाद क्रिस्टी मार्टिन, लैला अली और लूसिया रिजकर जैसी खिलाड़ियों ने बाधाओं को तोड़ते हुए और लैंगिक रूढ़िवादिता को चुनौती देते हुए महिला मुक्केबाजों की वर्तमान पीढ़ी के लिए मार्ग खोले दिए।

दुनिया भर में महिला मुक्केबाजी ने लोकप्रियता हासिल की है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, मैक्सिको, अर्जेंटीना, यूनाइटेड किंगडम और कई अन्य देशों के बॉक्सर्स ने खेल में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। खेलों में लैंगिक समानता के आंदोलन के कारण महिला मुक्केबाजी में वेतन समानता बढ़ी है, शीर्ष महिला मुक्केबाजों को पर्याप्त पुरस्कार और प्रायोजन प्राप्त हुए हैं। महिलाओं के बॉक्सिंग मैच भी पुरुषों के मुकाबलों की तरह ही प्रतिस्पर्धी व रोमांचक होते हैं।

गौरतलब है कि महिला मुक्केबाजी ने एक लंबा सफर तय किया है। महिला मुक्केबाजों द्वारा प्रदर्शित प्रतिभा और कौशल दुनिया भर के दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रही है। ये टॉप महिला मुक्केबाज अपनी असाधारण क्षमताओं, दृढ़ संकल्प और लचीलेपन का प्रदर्शन करते हुए खेल में सर्वश्रेष्ठ का प्रतिनिधित्व करती हैं।

जैसे-जैसे महिला मुक्केबाजी बढ़ती जा रही है और पहचान हासिल कर रही है, हम इन अविश्वसनीय एथलीटों से और भी अधिक रोमांचक मैचों और प्रेरणादायक कहानियों की उम्मीद कर सकते हैं। टॉप महिला मुक्केबाज क्लारेसा शील्ड्स, केटी टेलर, चैंटेल कैमरून जैसी दिग्गज खिलाड़ियों का उल्लेख अक्सर महान लोगों में किया जाता है।

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