कोलकाता: अल्पसंख्यकों की आबादी में वृद्धि पर अपने बयान को लेकर आलोचना झेल रहे बंगाल के मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने एक बार फिर ऐसा ही बयान दिया है। इससे TMC पार्टी के भीतर असहज स्थिति पैदा हो गई है और इस बार उन्हें नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। पश्चिम बंगाल के शहरी विकास मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम के एक बयान का वीडियो वायरल हुआ है, जो एक दिन पहले यानी बुधवार का है। पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर उन्होंने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस में होने का मतलब सिर्फ सत्ता में होने का अहसास नहीं होना चाहिए। इसके पीछे हजारों लोगों के बलिदान की कहानी है। असली तृणमूल कांग्रेस सिर्फ कारों में घूमने वाले, सलामी लेने वाले और 1900 अनुयायियों के साथ चलने वाले नेताओं और मंत्रियों तक सीमित नहीं है।
पार्टी के भीतर मतभेद के संकेत
हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि उनका इशारा किस ओर था। बुधवार को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी ने नए साल का शुभकामना संदेश जारी किया, जिसमें न तो तृणमूल कांग्रेस का जिक्र था और न ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का। इससे राजनीतिक हलकों में यह चर्चा भी शुरू हो गई कि पार्टी के भीतर कुछ मतभेद हो सकते हैं। माना जा रहा है कि फिरहाद ने परोक्ष रूप से अभिषेक बनर्जी पर निशाना साधा है, जिसका खामियाजा उन्हें भारी पड़ सकता है।
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क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पहले अभिषेक बनर्जी का संदेश और फिर हाकिम का बयान पार्टी के भीतर खींचतान की ओर इशारा करता है। यह सब ऐसे समय हो रहा है, जब 2026 के महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। पिछले साल भी स्थापना दिवस के मौके पर तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी और प्रदेश महासचिव कुणाल घोष के बयानों को लेकर पार्टी के भीतर मतभेद की खबरें आई थीं। पार्टी के अंदरूनी विवाद और बयानबाजी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आने वाले दिनों में तृणमूल कांग्रेस क्या करवट लेती है।
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