कोलकाता: लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही पश्चिम बंगाल में सियासी रस्साकशी शुरू हो गई है। भले ही नरेंद्र मोदी सरकार को केंद्रीय सत्ता से बाहर करने के लिए बने विपक्षी दलों के भारतीय गठबंधन में तृणमूल कांग्रेस (TMC) सत्तारूढ़ पार्टी है, लेकिन ममता बनर्जी ने राज्य की सभी 42 लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा करके गठबंधन को मुश्किल में डाल दिया है। अब सीपीआई (एम) और कांग्रेस साझा उम्मीदवार उतारने की तैयारी में हैं। इस बीच मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने भी राज्य की 20 लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।
मोदी बनाम दीदी की लड़ाई
हालांकि, आसनसोल सीट से उम्मीदवार भोजपुरी गायक पवन सिंह ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। इसलिए, भारतीय जनता पार्टी अब राज्य की शेष 23 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा करेगी। तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद बीजेपी ने बंगाल के बाहर के लोगों को टिकट देने पर सवाल उठाए हैं। इस पर तृणमूल का कहना है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि टिकट किसे दिया गया है। हकीकत तो यह है कि राज्य में मोदी बनाम दीदी की लड़ाई होने जा रही है।
तृणमूल के राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा कि राज्य में असली लड़ाई मोदी की गारंटी और दीदी की गारंटी के बीच है। रॉय ने दावा किया कि बंगाल का अपमान करने वाले बाहरी लोग हैं। तृणमूल ने पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को बहरामपुर से अपना उम्मीदवार बनाया है। बहरामपुर कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख और पांच बार के सांसद अधीर रंजन चौधरी का गढ़ है। वहीं, 2022 में आसनसोल सीट पर होने वाले उपचुनाव में तृणमूल के टिकट पर जीत हासिल करने वाले अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा को पार्टी ने फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है।
एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप
हालांकि, अपने संसदीय कार्यकाल के दौरान शत्रुघ्न सिन्हा एक बार भी संसद में नहीं बोले और न ही लिखित और न ही मौखिक रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद को बर्धमान-दुर्गापुर से उम्मीदवार घोषित किया गया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा, ”देश में कोई भी अन्य राजनीतिक दल किसी भी राज्य से उम्मीदवारों की पूरी सूची की घोषणा नहीं कर सका है।”
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रॉय ने कहा, ”कृष्ण मेनन और बीआर अंबेडकर दोनों ने बंगाल से चुनाव लड़ा था। हमने उन्हें कभी बाहरी नहीं माना। बाहरी लोग वे हैं जो बंगाल का अपमान करते हैं। बाहरी लोग वे हैं जो बंगाल पर कब्ज़ा करने की बात करते हैं, जो राज्य को वंचित करते हैं और धनबल और जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके सत्ता पर कब्ज़ा करने की कोशिश करते हैं।” एक सवाल में भारतीय गठबंधन के बारे में पूछा गया। जवाब में उन्होंने कहा कि यह किसी गठबंधन का मामला नहीं है। मोदी और दीदी के बीच लड़ाई है और वहीं लड़ी जाएगी।
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