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Lok Sabha Elections 2024: संदेशखाली में CBI छापेमारी से टीएमसी नाराज, चुनाव आयोग से की शिकायत

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कोलकाता: दूसरे चरण के मतदान के दिन उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में हुई सीबीआई छापेमारी को लेकर तृणमूल ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि चुनाव के दौरान विभिन्न स्थानों पर केंद्रीय जांच एजेंसी की छापेमारी से तृणमूल समेत विपक्षी राजनीतिक दलों की छवि खराब हो रही है। इसके लिए आयोग द्वारा तत्काल दिशा-निर्देश जारी किये जायें।

पार्टी की छवि खराब करने का प्रयास - टीएमसी

शुक्रवार को सीबीआई ने शाहजहां शेख के करीबी रिश्तेदार अबू तालेब मोल्ला के घर पर छापेमारी की। वहां से कई हथियार बरामद किये गये। यहां मिले बमों को डिफ्यूज करने के लिए एनएसजी के जवानों को तैनात किया गया और अत्याधुनिक रोबोटों की मदद से बमों की खोज की गई। तृणमूल ने अपनी शिकायत में लिखा है कि जब बंगाल के तीन लोकसभा क्षेत्रों - दार्जिलिंग, रायगंज और बालुरघाट पर मतदान चल रहा था, तब सीबीआई ने "संदेशखाली की खाली जगह" पर "बेशर्मी से" छापा मारा। इतना ही नहीं, बाद में उन्होंने अतिरिक्त अधिकारी, बम निरोधक दस्ता और एनएसजी को भी बुला लिया। यह तृणमूल कांग्रेस की छवि खराब करने का प्रयास है।'

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तृणमूल ने कहा कि कानून-व्यवस्था पूरी तरह से राज्य का मामला है। लेकिन, सीबीआई ने राज्य सरकार या पुलिस को सूचित किये बिना ही छापेमारी कर दी। दरअसल, अगर पुलिस को सूचना दी गई होती तो उनके पास मौजूद बम निरोधक दस्ता ऑपरेशन में मदद कर सकता था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। कोई पुलिस सहायता नहीं मांगी गई। बल्कि उस अभियान के दौरान मीडिया की मौजूदगी ने तृणमूल को हैरान कर दिया है। सत्ता पक्ष का दावा है कि मीडिया को पहले से ही सीबीआई छापे की जानकारी थी। उन्हें इसकी जानकारी तो दे दी गई, लेकिन ऑपरेशन के बारे में राज्य को कुछ नहीं बताया गया।

टीएमसी ने की कार्रवाई करने की मांग

आयोग को लिखे अपने पत्र के अंत में, राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी ने लिखा कि भाजपा के केंद्रीय नेता और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव के दौरान लगातार तृणमूल को “निशाना” बना रहे हैं। खासकर, वह तो सीबीआई चला रहे हैं।'' संदेशखाली का अभियान इसका एक और सबूत है। केंद्र सरकार सीबीआई का इस्तेमाल कर मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। इसलिए, तृणमूल चुनाव आयोग से इस संबंध में उचित कार्रवाई करने का अनुरोध कर रही है।

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