Wednesday, November 27, 2024
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सावधान ! अब स्कूली बच्चों को ठगी का शिकार बना रहे साबइब ठग, ऐसे फैला रहे झूठ

Cyber ​​fraud, झांसी: एक तरफ लगातार पेपर लीक होने के चलते प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नकल माफियाओं पर नकेल कसने की योजना तैयार कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ शासन-प्रशासन लगातार साइबर जालसाजों से बचाव के लिए जन जागरूकता अभियान चला रहा है। इन सबके अलावा साइबर जालसाजों ने छात्रों और उनके अभिभावकों को ठगने का नया तरीका निकाला है।

कैसे आता है फोन ?

इस बार साइबर जालसाजों (Cyber ​​fraud) ने इलाहाबाद बोर्ड को निशाना बनाया है। वे स्क्रूटनी फॉर्म भरने वाले छात्रों के घर और मोबाइल पर फोन कर रहे हैं और उन्हें पास करने के बदले में आठ हजार रुपये की मांग कर रहे हैं। फोन बजता है, उठाने पर कहा जाता है- हैलो, मैं यूपी बोर्ड इलाहाबाद से कंप्यूटर ऑपरेटर बोल रहा हूं, आप पास हो जाएंगे… इसके लिए आपको प्रति छात्र आठ हजार रुपये देने होंगे। इस तरह की फोन कॉल ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या ये साइबर जालसाज हैं या वाकई यूपी बोर्ड के कंप्यूटर ऑपरेटर फोन कर रहे हैं?

कोचिंग सचालक ने ठगी से बचाया

मामला नगर क्षेत्र के पचकुइया मंदिर के पास स्थित यश कोचिंग स्टडी के छात्रों का है। पीयूष और यश के मोबाइल नंबर 8981271625 और 917596974215 से लगातार कॉल कर रहे हैं और खुद को इलाहाबाद यूपी बोर्ड में कंप्यूटर ऑपरेटर बताकर उन्हें पास कराने का झांसा देकर प्रत्येक छात्र से 8000 रुपये मांग रहे हैं। जैसे-जैसे छात्र पास होते गए, वे उनके रिश्तेदारों या अन्य लोगों से पैसों का इंतजाम करने में लगे हुए थे। कल छात्र यश कोचिंग पहुंचा, जहां कोचिंग संचालक के सामने उसे साइबर जालसाज का फोन आया। जिस पर कोचिंग संचालक ने छात्रों से उनका बड़ा भाई बनकर बात की और पूरा मामला समझा। कोचिंग संचालक ने छात्रों को साइबर जालसाजों का शिकार होने से बचा लिया, वरना छात्र उसे पैसे भेजने वाले थे। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि स्क्रूटनी फॉर्म भरने वाले छात्रों के नंबर इन साइबर जालसाजों को कौन मुहैया करा रहा है, क्योंकि झांसी में ऐसे दर्जनों छात्रों के पास फोन आ चुके हैं।

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जालसाजों द्वारा पुलिस और साइबर सेल के सामने खड़ी की गई यह बड़ी चुनौती है। इस संबंध में कोचिंग संचालक यश कोष्टा ने बताया कि मामला संज्ञान में आने पर इन दोनों छात्रों को इसका शिकार होने से बचा लिया गया है। न जाने कितने और पीयूष और यश इसका शिकार हो रहे हैं, उन्हें बचाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।

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