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International Happiness Day 2023: ऐसे हुई अंतराष्ट्रीय खुशी दिवस की शुरुआत, जानें हैप्पीनेस इंडेक्स पर भारत का स्थान

This is how International Happiness Day started, know India's rank on Happiness Index
international-day-of-happiness-2023 नई दिल्लीः खुशी, एक छोटा सा शब्द लेकिन इसके मायने बहुत विस्तृत है। यह एक ऐसी अनुभूति है, जो जीवन, समाज और देश को भी संवारकर उन्नति के पथ पर ले जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि जिस देश की जनता सबसे अधिक खुश होगी, वह देश आर्थिक रूप से संपन्न होगा। लोगों को खुश रहने की अहमियत को समझाने के लिए ही हर साल 20 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय खुशी दिवस यानी इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे मनाया जाता है। इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे की शुरुआत साल 2013 में हुई। जबकि संयुक्त राष्ट्र में 20 जुलाई 2012 में इस दिन को हर साल मनाने का प्रस्ताव पारित हुआ था। 2013 से हर साल लोगों को खुश रहने के महत्व को बढ़ाने के लिए 20 मार्च को इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे मनाया जाता है। बता दें कि हर साल संयुक्त राष्ट्र इस दिन की थीम की घोषणा करता है। पिछले साल 2022 में दूसरों के प्रति दया की भावना बनाए रखें थीम के साथ इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे मनाया गया। वहीं, इस साल अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस की थीम 'Be Mindful, Be Grateful, Be Kind' तय की गई है। वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स 2023 - international-happiness-day इस साल जारी वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स 2023 की सूची में भारत को 136वां स्थान मिला है। इसमें खुशी को 1 से 10 तक के स्केल में परखा जाता है। इंडेक्स में भारत को 3.819 नंबर मिले हैं। बता दें कि इस सूची में फिनलैंड 7.842 नंबरों के साथ पहले पायदान पर है, जबकि डेनमार्क 7.62 नंबरों के साथ को दूसरा स्थान मिला है। वहीं इस साल स्विटजरलैंड चौथे पायदान से तीसरे स्थान पर पहुंचने में सफल रहा है। स्विटजरलैंड को 7.571 नंबर्स मिले हैं। ये भी पढ़ें..World Sleep Day 2023: भरपूर नींद न लेने से हो सकती... पिछले सालों में भारत का स्थान - पिछले साल जारी खुश देशों की सूची में भारत को 136वां स्थान मिला था। इस सर्वे में 146 देश शामिल थे। इस सूची में अफगानिस्तान सबसे निचले पायदान 146वें स्थान मिला था, जबकि फिनलैंड, डेनमार्क व आईलैंड को क्रमशः पहला, दूसरा व तीसरा स्थान मिला था। इस सर्वे के अनुसार, फिनलैंड के लोग पूरी दुनिया में सबसे खुश हैं और वे इस देश को सबसे खुशी देश बना रहे हैं। भारत के सीमावर्ती देशों की बात करें तो इस सूची में नेपाल को 84वां, बांग्लादेश को 94वां, पाकिस्तान को 121वां व श्रीलंका को 127वां स्थान मिला था। वहीं साल 2021 में भारत 139वें स्थान पर था, जबकि एक साल बाद तीन पायदान ऊपर चढ़कर 136वें स्थान पर पहुंच गया। हैप्पीनेस रिपोर्ट के अनुसार, भारत के लोग अपने जीवन स्तर से खुश नहीं हैं। जबकि किसी देश के लोगों को खुश न रहने के कुछ कारणों को भी बताया गया है। इनमें बेरोजगारी और आय में कमी, हेल्थकेयर के दामों में वृद्धि, महिलाओं की सुरक्षा, पर्यावरण प्रदूषण, मानसिक अस्थिरता और देश में बढ़ते भ्रष्टाचार शामिल हैं। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)