पहाड़ों की बर्फबारी ने बदला मैदानी क्षेत्रों का नजारा, गर्म कपड़े-अलाव बने लोगों का सहारा

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लखनऊः बारिश के बाद हिमालय मे हो रही बर्फबारी का असर अब मैदानी क्षेत्रों पर साफ देखा जा रहा है। सर्द हवाएं बराबर चल रही हैं जिससे न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस से नीचे आ गया और कोल्ड डे की स्थिति बनती जा रही है। हालांकि अधिकतम तापमान कोल्ड डे के मुताबिक नहीं पहुंचा है, पर न्यूनतम तापमान कोल्ड डे से काफी नीचे पहुंच चुका है। इससे लोग हलाकान हो रहे हैं और खासकर बुजुर्ग दिन में भी बाहर निकलने से बच रहे हैं। इस भीषण सर्दी में लोगों को अलाव ही सहारा बन रहा है।

चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ एसएन सुनील पाण्डेय ने बताया कि पश्चिमी हिमालय के आसपास के क्षेत्र पर एक नया पश्चिमी विक्षोभ आया है। इसके कारण पहाड़ों पर बर्फबारी जारी है और उत्तर पश्चिमी बर्फीली हवा का मैदानी इलाकों में असर तेज हो रहा है। इसके साथ ही वायुमंडल में तेजी से बह रही जेट स्ट्रीम (धारा) ने प्रदेश में फिर शीतलहर और सर्दी बढ़ा दी। शुक्रवार की शाम से शुरु हुई शीतलहर रविवार को भी बराबर जारी है। शीतलहर से और गलन से लोग बेहाल हैं और रजाइयों में दुबकने को मजबूर हैं। वहीं आधी रात से छाई कोहरे की चादर भोर पहर तक छायी रही और सड़कों पर वाहनों की रफ्तार थमी रही। घना कोहरा व धुंध छाने से वाहन चालक परेशान रहे। मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि इस सप्ताह मध्य उत्तर प्रदेश में आसमान साफ रहने के कारण बारिश की कोई संभावना नहीं है। लेकिन इस सप्ताह शीतलहर एवं कोहरे का प्रकोप जारी रहेगा।

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क्या है कोल्ड डे
मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है। इसके साथ ही अधिकतम तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस नीचे पहुंच जाये। इस स्थिति को कोल्ड डे कहा जाता है।

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