खूंटी : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) के झारखंड दौरे के दूसरे दिन गुरुवार को खूंटी के बिरसा मुंडा महाविद्यालय में आयोजित महिला स्वयं सहायता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि भारत की राष्ट्रपति का झारखंड के सभी लोगों की ओर से हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने संवाद स्थापित करने का काम किया है। वह लोगों के लिए प्रेरणास्रोत रही हैं।
राधाकृष्णन ने कहा कि राज्यपाल बनने के बाद मुझे भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली खूंटी स्थित उलिहातू जाने का भी अवसर मिला, जो मेरे लिए सौभाग्य की बात है। बिरसा मुंडा ने बलिदान देकर देश के लिए एक इतिहास रचा। भगवान बिरसा मुंडा एक स्वतंत्रता सेनानी थे जो देश के लिए शहीद हो गए। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को पूरे देश में ‘आदिवासी गौरव दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने अपने शुरुआती और चुनौतीपूर्ण जीवन में भी समाज सेवा का मार्ग अपनाया और समाज के सामने एक उत्कृष्ट मिसाल पेश की। आज के कार्यक्रम में हमारी बहनों की इतनी बड़ी संख्या में उपस्थिति न केवल झारखंड के भावी विकास की आधारशिला है, बल्कि महिला सशक्तिकरण के प्रति झारखंड की प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है। स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) इस संबंध में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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झारखंड में आदिवासी बहनें भी महिला स्वयं सहायता समूहों में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं और आत्मनिर्भर बनने का प्रयास कर रही हैं। इस समूह से जुड़ने के बाद उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में बदलाव देखा जा रहा है। मुझे यह कहते हुए बहुत खुशी और गर्व हो रहा है कि महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पाद गुणवत्तापूर्ण हैं लेकिन उन्हें अभी भी बाजार में व्यापक रूप से उपलब्ध कराने की आवश्यकता है।
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