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सनराइज हाॅस्पिटल के कोविड सेंटर में लगी आग में गयी दस लोगों की जान, सरकार देगी मुआवजा

मुंबईः मुंबई के भांडुप में ड्रीम्स मॉल के भीतर बने सनराइज हॉस्पिटल में शुक्रवार को आग लगने से मरने वालों की संख्या दस हो गई है और लगभग 60 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। यहां इन सभी दस मृत और तीन घायल वरिष्ठ नागरिकों का कोविड-19 का इलाज चल रहा था। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, मुंबई के संरक्षक मंत्री असलम शेख, मुंबई के पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले, अतिरिक्त नगर आयुक्त सुरेश काकाणी, अन्य शीर्ष फायर ब्रिगेड, पुलिस और नागरिक अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। वहीं महाराष्ट्र सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुंबई के कोरोना अस्पताल में लगी आग में 10 मरीजों की मौत पर दुख जताते हुए घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'मुंबई के एक अस्पताल में आग लगने से जानमाल के नुकसान से आहत हूं। मैं घायलों के जल्द ठीक होने की प्रार्थना करता हूं।'

बीएमसी के एक अधिकारी के मुताबिक मृतकों की पहचान निसार जावेदचंद (74), गोविंद दास (80), मंजुला बथारिया (65), अंबाजी पाटिल (65) और उनकी पत्नी सुनंदा पाटिल (58), सुधीर लाड (66) के रूप में हुई है और इनके अलावा अन्य लोगों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने आरोप लगाया है कि सनराइज अस्पताल और ड्रीम्स मॉल का निर्माण पीएमसी बैंक के पैसे से घोटालेबाज एचडीआईएल द्वारा किया गया था और उन्हें कथित रूप से बीएमसी द्वारा सशर्त व्यवसाय प्रमाणपत्र दिया गया था।

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आरोपों का खंडन करते हुए सनराइज अस्पताल के संचालन प्रमुख सत्येंद्र तिवारी ने कहा कि हाल ही में शुरू किए गए अस्पताल के पास सभी लाइसेंस, अनुमतियां थीं और आग मॉल के नीचे वाले माले में लगी थी, तीसरी मंजिल के अस्पताल परिसर में नहीं। बीएमसी ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं, वहीं सीओपी नागराले ने चेतावनी दी है कि घटना में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। मरीजों को मुलुंड में स्थित जम्बो कोविड फील्ड हॉस्पिटल और फॉर्टिस हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया गया है।