पटनाः बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने लैंड फॉर जॉब (Land For Job) मामले में अपने खिलाफ समन जारी होने के बाद शुक्रवार को प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कोई पहला और आखिरी मामला नहीं है। ये सब चलता रहेगा। इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है। अब हम इन सब चीजों पर ध्यान देने के बजाय सिर्फ अपना काम कर रहे हैं और बिहार के विकास पर ध्यान दे रहे हैं। गौरतलब है कि लैंड फॉर जॉब्स मामले में लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।
दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव समेत 17 आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया है। सभी को चार अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है। कोर्ट ने शुक्रवार को सीबीआई की चार्जशीट पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया है। अभी तक इस मामले में राजद सुप्रीमो लालू यादव के छोटे बेटे और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी का नाम नहीं था। पिछले साल सीबीआई की ओर से दाखिल की गई चार्जशीट में लालू-राबड़ी समेत अन्य पर आरोप लगाए गए थे।
इस मामले की जांच जब आगे बढ़ी तो दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में तेजस्वी के एक महंगे बंगले की जानकारी सामने आई। यह नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़ा निकला। इसके बाद सीबीआई ने पूरक आरोप पत्र दायर कर इस मामले में तेजस्वी यादव को भी आरोपी बनाया है। इसके बाद अब समन जारी किया गया है। ऐसे में अगर अगली पेशी में कोर्ट उनकी गिरफ्तारी का आदेश देता है तो तेजस्वी को तुरंत जमानत लेनी होगी। अन्यथा उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है।
ये भी पढ़ें..Jhansi News: लुटेरों और पुलिस के बीच मुठभेड़ में एक घायल,…
क्या है मामला
यह मामला लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान यानी 2004 से 2009 के बीच का है। इस समय देश में यूपीए की सरकार थी। उस समय लालू प्रसाद यादव ने नियमों की अनदेखी कर कई लोगों को रेलवे में नौकरी दी थी। बदले में लालू परिवार के सदस्यों के नाम पर बेशकीमती जमीन की रजिस्ट्री कर दी गयी। अब सीबीआई के साथ-साथ ईडी भी इस कथित घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू की जांच कर रही है।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)