Tuesday, January 7, 2025
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Homeप्रदेशबैपटिस्ट मिशनरी विवादित भूमि मामले में तहसीलदार गिरफ्तार

बैपटिस्ट मिशनरी विवादित भूमि मामले में तहसीलदार गिरफ्तार

भिवानीः बैपटिस्ट मिशनरी की करोड़ों रूपयों की विवादित भूमि खुद-बुर्द करने के मामले में पुलिस ने बड़ी मछलियों को अब गिरफ्तार करना शुरू किया है। बीती रात मामले के मुख्य आरोपी भिवानी के तहसीलदार रविंद्र मलिक को पुलिस ने गिरफ्तार करके विजिलेंस को सौंप दिया है। मामले की गम्भीरता को भांपते हुए प्रदेश सरकार ने अब पूरा मामला हरियाणा विजिलेंस को स्थानांतरित कर दिया है।

गौरतलब है कि अगस्त माह में स्थानीय हांसी रोड़ के साथ लगती बैपटिस्ट मिशिनरी की जमीन का मामला विवादों में आया था। इस दो एकड़ जमीन की रजिस्ट्ररी एक व्यक्ति ने दो लोगों के नाम रजिस्टरी करवाने की प्रक्रिया शुरू की थी। यह रजिस्ट्ररी पौने दो करोड़ रूपयों में करवाई जा रही थी। जिसकी शिकायत बैपटिस्ट मिशिनरी के एक अन्य पक्ष ने पुलिस से की थी। इस दौरान नायब तहसीलदार ने रजिस्टरी की पूरी प्रक्रिया रोक दी थी व पुलिस ने बाजार भाव की लगभग 100 करोड़ रूपये की जमीन के मामले में तहसीलदार, रजिस्टरी क्लर्क, पटवारी, नंबरदार सहित 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

जिस प्रकार से इस जमीन का रातोरात इंतकाल रद्द करके दूसरे पक्ष में इंतकाल किया गया, उससे कई अधिकारी भी संदेह के घेरे में आ गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए उपायुक्त नरेश नरवाल ने पूरे मामले की जांच अतिरिक्त उपायुक्त राहुल नरवाल को सौंपी। राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने गत सप्ताह तहसीलदार को निलम्बित भी कर दिया था और प्रशासन द्वारा 4 अन्य कर्मचारियों को भी निलम्बित कर दिया गया।

अतिरिक्त उपायुक्त ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि इस जमीन की रजिस्टरी प्रक्रिया के मामले में सरकारी प्रावधानों की अनदेखी करते हुए अनियमितत्ताएं बरती गई हैं और इस जमीन का संदेहपरस्क स्थितियों में इंतकाल भी दर्ज किया गया है। सूत्रों के अनुसार इस मामले में कुछ राजनीतिक लोग भी सीधे तौर पर शामिल है। इन नेताओं की भूमिका की भी निरंतर जांच की मांग उठ रही है। इस भू-घोटाले में भू-माफिया कई अन्य दलालों की भूमिका की भी जांच होनी है। पूरे मामले की गंभीरता का बढ़ते दबाव के चलते प्रदेश सरकार ने दो दिन पहले ही पूरा मामला राज्य चौकसी ब्यूरो को सौंपा है, ताकि घोटाले की परते खुल सकें। गिरफ्तार किए गए तहसीलदार को न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने उन्हे 2 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है। पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह ने तहसीलदार रविंद्र मलिक की गिरफ्तार की पुष्ठि करते हुए कहा कि उन्हे भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच अब राज्य चौकसी ब्यूरा द्वारा की जाएगी।

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