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केंद्र ने लगाया 'तहरीक-ए-हुर्रियत' पर प्रतिबंध, संगठन पर लगे हैं गंभीर आरोप

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने तहरीक-ए-हुर्रियत पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत की गई है। सरकार ने कहा है कि अलगाववाद और आतंकवाद का समर्थक यह संगठन भारत विरोधी दुष्प्रचार में लगा हुआ है।

अमित शाह ने दी जानकारी

इसकी जानकारी गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर दी। उन्होंने लिखा, 'तहरीक-ए-हुरियत, जम्मू-कश्मीर (टीईएच) को यूएपीए के तहत एक गैरकानूनी संघ घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति या संगठन को तुरंत रोका जाएगा। उन्होंने कहा कि यह संगठन जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामिक शासन स्थापित करने की प्रतिबंधित गतिविधियों में शामिल है। यह भी पढ़ेंः-नए साल की शुभकामनाओं से लेकर फिट इंडिया तक …जानें पीएम मोदी के ‘Mann Ki Baat’ की बड़ी बातें… गौरतलब है कि तहरीक-ए-हुर्रियत जम्मू-कश्मीर का एक अलगाववादी राजनीतिक दल है। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर के 26 संगठनों का एक समूह है, जिसका गठन 1993 में हुआ था। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस में कई संगठन शामिल हैं जो पाकिस्तान समर्थक और अलगाववादी माने जाते हैं। इनमें जमात-ए-इस्लामी, जेकेएलएफ और दुख्तरान-ए-मिल्लत आदि के नाम शामिल हैं। साल 2005 में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस दो गुटों में बंट गई। इसके उदारवादी गुट का नेतृत्व मीरवाइज उमर फारूक को मिला। चरमपंथी समूह का नेतृत्व सैयद अली शाह गिलानी ने किया। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)