चेन्नईः राज्य में विनिर्माण क्षेत्र को आर्थिक विकास में केंद्र-स्तर पर ले जाना है ताकि तमिलनाडु 2030-21 तक 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ सके। उद्योग मंत्री थंगम थेनारासु ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। 2022-23 के लिए थेनारासु द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत नीति नोट के अनुसार, तमिलनाडु अपने अच्छी तरह से विकसित विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के लिए पहचाना जाता है और राज्य यह सुनिश्चित करने की कोशिश में है कि यह क्षेत्र वित्तीय वर्ष 2020-21 में 48.1 बिलियन डॉलर (सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 18 प्रतिशत-जीएसडीपी) से बढ़ कर वित्तीय वर्ष 2030-31 में 250 बिलियन डॉलर (जीएसडीपी का 25 प्रतिशत) तक हो जाय।
थेन्नारासु ने कहा कि तमिलनाडु सरकार निर्माण में लगभग 23 लाख करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने और 46 लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए कई उपाय कर रही है, जो इसके विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में, राज्य सरकार ने 2.05 लाख से अधिक व्यक्तियों के लिए रोजगार के अवसरों के साथ 68,375 करोड़ रुपये से अधिक के संचयी निवेश के साथ, कंपनियों के साथ 130 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं।
निवेश इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो-पुर्जो, औद्योगिक पार्को, मुक्त व्यापार गोदाम क्षेत्र, आईटी/आईटीईएस, सामान्य विनिर्माण, खाद्य प्रसंस्करण, जूते, फार्मास्यूटिकल्स और वस्त्रों के साथ-साथ फर्नीचर निर्माण, ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में है।
थेनारासु ने कहा कि 2030 तक 100 बिलियन डॉलर के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में राज्य के प्रयासों के तहत, तमिलनाडु सरकार उद्योग और उद्योग संघों के योगदान के साथ तमिलनाडु में निर्यात संगठनों के लिए आवश्यक सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए 100 करोड़ रुपये का एक विशेष कोष स्थापित कर रही है।
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