स्थानीय चुनौतियों के समाधान के लिए 18 विद्यालयों के छात्र मिलकर करेंगे काम

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नई दिल्ली: भूखमरी की समाप्ति (जीरो हंगर), लैंगिक समानता, उचित काम व आर्थिक विकास व जलवायु कार्रवाई जैसे महत्वपूर्ण विषयों स्कूली छात्र अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। देश भर के 18 विद्यालयों के छात्र ऐसी ही समस्याओं समय स्थानीय चुनौतियों का समाधान ढूंढने के लिए एकजुट हुए हैं। क्षेत्रीय व स्थानीय चुनौतियों का समाधान ढूंढने के लिए करने के लिए छात्रों ने भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों को शामिल (एम्बेड) करने पर नए विचार प्रस्तुत किए। इन चुनौतियों में विरासत की सुरक्षा, मिट्टी की उर्वरता, फसल की विविधता, स्वच्छ शहर, जल प्रबंधन, महिला सशक्तिकरण, अपशिष्ट प्रबंधन, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन और इसी तरह सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करना शामिल हैं।

पूरे भारत के 18 शहरी और ग्रामीण विद्यालयों की टीमों ने स्थानीय मुद्दों और योजना निर्माण में इसके उपयोग को समझने के लिए भू-स्थानिक सूचना व तकनीक के इस्तेमाल का प्रदर्शन किया। इसे दूसरे संयुक्त राष्ट्र विश्व भू-स्थानिक सूचना कांग्रेस (यूएनडब्ल्यूजीआईसी) के ‘जियो-एनेबलिंग द ग्लोबल विलेज विद जेनरेशन जेड एंड अल्फा’ नामक एक विशेष कार्यक्रम में कार्यान्वित किया। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के मुताबिक खेतों में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग की मैपिंग के प्रयास और जैविक उवर्रक के उत्पादन के साथ उपयोग के सामने उनके उत्पादन को प्रदर्शित किया गया। इसके अलावा छात्रों ने समय के साथ ग्रामीण जैव विविधता के नुकसान के साथ- साथ स्थानीय पुनर्चक्रण योग्य उत्पादों की मैपिंग को रेखांकित किया, जिससे उन्हें प्रभावी ढंग से स्रोत बनाया जा सके और उनका उपयोग बढ़ाया जा सके।

इन युवा टीमों ने भूखमरी की समाप्ति (जीरो हंगर), लैंगिक समानता, उचित काम व आर्थिक विकास, स्थायी शहर व समुदायों, जिम्मेदार खपत व उत्पादन, जलवायु कार्रवाई और धरती पर जीवन के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर ध्यान केंद्रित किया। यह कार्यक्रम भू-स्थानिक चिंतन के माध्यम से एसडीजी के कार्यान्वयन को स्थानीय बनाने का रास्ता दिखा सकता है।

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संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी प्रभाग के निदेशक स्टीफन Ÿवेनफेस्ट ने इस दौरान अपने संबोधन में कहा कि एसडीजी केवल एक दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह एक दूसरे के साथ जुड़ने, एक साथ काम करने और बेहतर विश्व के लिए समाधान प्राप्त करने के लिए एक उचित कार्य योजना है। उन्होंने कहा, एसडीजी के स्थानीयकरण के लिए सभी परियोजनाएं वास्तव में अविश्वसनीय और महान उदाहरण हैं। इस सत्र का उद्देश्य प्रतिस्पर्धा की जगह एक-दूसरे के साथ बातचीत करना, मित्र बनाना और भविष्य में विचारों को आगे बढ़ाने के बारे में चर्चा करना है, जिससे आप एसडीजी के लिए संयुक्त राष्ट्र के एक प्रतिनिधि बन सकें।

दूसरे संयुक्त राष्ट्र विश्व भू-स्थानिक सूचना कांग्रेस (यूएनडब्ल्यूजीआईसी- 2022) का आयोजन हैदराबाद के इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एचआईसीसी) में 10 से 14 अक्टूबर 2022 तक किया जा रहा है। इसकी विषय वस्तु वैश्विक गांव को भू-सक्षम बनाना, कोई भी पीछे न छूटे है। यह वैश्विक भू-स्थानिक सूचना प्रबंधन (यूएन-जीजीआईएम) पर संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों की समिति की ओर से संयोजित की गई है। वहीं, इसका आयोजन संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग ने किया है, जबकि मेजबानी भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के डीएसटी ने किया।

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