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Holi 2023: मिलावटी रंगों से रहें दूर, इस तरह करें पहचान

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holi-colors-identify नई दिल्लीः होली (holi) यानी रंगों का पर्व, हुड़दंग और उल्लास का पर्व। होली 8 मार्च को है और इसके लिये बाजार तैयार होने लगे हैं। रंगोत्सव को अब बस कुछ दिन ही बचे हैं, इसे लेकर घरों से लेकर बाजारों में भी हलचल बढ़ गई है। होली में रंगों से सराबोर होने के लिये हर कोई तैयारी कर रहा है। त्योहार के लिये तरह-तरह के रंगों से बाजार सज जाते हैं। आजकल हर्बल, नेचुरल व ऑर्गेनिक रंगों (herbal and organic colors) की डिमांड मार्केट में ज्यादा रहती है, क्योंकि इसे स्किन फ्रेंडली माना जाता है। हर्बल रंग फूलों व प्राकृतिक चीजों से बनाये जाते हैं, इसलिये इनका रंग प्राकृतिक होता है और ये त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। लेकिन, क्या आपको पता है कि हर्बल रंगों (herbal colors) की आड़ में खतरनाक रंग भी बाजारों में धड़ल्ले से बिकते हैं। रंगों की पहचान न होने से हम अनजाने में ही घरों में ऐसे रंग खरीदकर लाते हैं, जिनसे त्वचा को नुकसान पहुंचने का खतरा रहता है। मिलावटी रंगों की पहचान (Identification of adulterated colors) करना जरूरी है। होली (holi) पर अच्छे रंगों के इस्तेमाल से आप न सिर्फ अपने परिवार को, बल्कि दूसरों को भी सुरक्षित रखते हैं। रंगोत्सव में मिलावटी रंगों से भंग न पड़ जाये, इसलिये जरूरी है कि रंग खरीदने से पहले उसे अच्छी तरह से जांच-परख लें। आप रंगों में मिलावट की आसानी से पहचान (Easy identification of color adulteration) कर सकते हैं। आइये जानते हैं कैसे -

चमकदार कण नजर आयें (Shiny particles are visible)  -

रंग देखने में अगर ज्यादा चमकदार है या उसमें आपको कुछ शीशे जैसे चमकदार कण नजर आने लगे तो समझ जायें कि इस रंग में मिलावट है। व्यापारी रंगों में चमक लाने के लिये इनमें मिलावट करते हैं, जिनसे त्वचा पर बुरा असर पड़ सकता है। इससे स्किन के छिलने व कटने का डर भी रहता है।

गाढ़े रंगों से करें परहेज (Avoid dark colors) -

हर्बल रंगों की पहचान है कि ये हल्के रंगों में उपलब्ध होते हैं। इसलिये बाजार में अगर आपको गाढ़े रंग के रंग दिखें तो उन्हें खरीदने से परहेज करें। ये गाढ़े रंग चेहरे के लिये खतरनाक साबित हो सकते हैं और कई बार ये आसानी से छूटते भी नहीं है। वहीं, मिलावटी रंगों से त्वचा पर जलन भी होने लगती है।

पानी में घोलकर देखें (Dilute colors in water) -

आप अच्छे रंगों की पहचान के लिये इन्हें पानी में घोलकर देख सकती हैं। इसके लिये सबसे पहले एक चम्मच रंग को थोड़े पानी में घोलकर देखिये। अगर रंग पूरी तरह घुल जाये तो समझ लीजिये कि ये ठीक है, वहीं अगर रंग पानी में नहीं घुलता है तो इसका मतलब है कि रंग में मिलावट की गई है। ये भी पढ़ें..Skin Care Tips For Holi 2023: होली पर इन टिप्स को करें फाॅलो, बरकरार रहेगा चेहरे का ग्लो

रंगों से अगर महक आये (If colors smell) -

केमिकल, स्प्रीट या पेट्रोल मिलाने से रंगों से एक अलग महक आने लगती है। इसलिये अगर आप रंग खरीदने जा रहे हैं तो इस पर विशेष ध्यान दें। रंगों से केमिकल या पेट्रोल की महक आने से समझ लें कि इनमें मिलावट की गई है।

रंगों का दाम देखें (see color price) -

प्राकृतिक, हर्बल या ऑर्गेनिक रंगों की कीमत मिलावटी या नकली रंगों से ज्यादा होता है। इसलिये कम कीमत वाले खतरनाक रंगों को खरीदने से बचें क्योंकि ये सेहत व त्वचा के लिये अच्छे नहीं होते। प्राकृतिक, हर्बल या आॅर्गेनिक रंग ही खरीदना चाहिये, जिससे रंगों का पर्व खुशहाली से मनाया जा सके।

नकली या मिलावटी रंगों से नुकसान (Damage caused by fake or adulterated colors)  -

नकली या मिलावटी रंग स्किन को नुकसान तो पहुंचाते ही हैं, साथ ही इनसे आंखों में भी जलन होने लगती है। इन रंगों को चमकदार व गाढ़ा बनाने के लिये विशेष केमिकल या पेट्रोल का भी इस्तेमाल किया जाता है, जो सेहत के लिये बिल्कुल भी ठीक नहीं है। रंगों में लेड ऑक्साइड, पारा, मैलाकाइट व सल्फेट जैसे खतरनाक रसायनों का प्रयोग किया जाता है। इनसे चेहरे के छिलने, कटने या जलने का भी खतरा रहता है, वहीं एक्जिमा, एलर्जी या कैंसर भी हो सकता है। इसलिये इन खतरनाक रंगों से दूर रहना ही बेहतर होता है। चिकित्सक भी होली में हर्बल या ऑर्गेनिक रंग से खेलने की सलाह देते हैं।

रंगों से करें परहेज, अगर आप -

होली में रंगों से सराबोर होना हर किसी को अच्छा लगता है। होली का हुड़दंग और रंगों से खेलने के लिये हर कोई बेसब्र नजर आता है। लेकिन, अगर आपको या आपके किसी जानने वाले को स्वास्थ्य संबंधी कुछ परेशानियां हैं, तो रंगों से दूर रहना चाहिये। चिकित्सकों की मानें तो केमिकलयुक्त रंगों के इस्तेमाल से सांसों की तकलीफ, सिर दर्द, एलर्जी, जलन जैसी समस्यायें हो सकती हैं। इसलिये रंग खेलते वक्त सुरक्षित रंगों का ही इस्तेमाल करना चाहिये। वहीं, अस्थमा, टीबी या हार्ट से संबंधित रोगियों को होली में ज्यादा रंग खेलने से परहेज करना चाहिये। इसके अलावा ऐसे लोग, जिनके आंखों का आॅपरेशन हाल में हुआ हो या जिनकी त्वचा संवेदनशील हो, उन्हें संभलकर रंग खेलना चाहिये। वहीं, गर्भवती महिलाओं को भी होली नहीं खेलना चाहिये, क्योंकि रंग नाक, कान या रोम छिद्रों से शरीर के अंदर जाते हैं और यह मां व बच्चे की सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

आंखों की करें हिफाजत (protect the eyes) -

रंग खेलते वक्त ध्यान रखें कि रंग आंखों में न जायें। आंख काफी संवेदनशील होते हैं। थोड़ा रंग भी अगर आंखों में चला जाये तो जलन की समस्या होने लगती है। इसलिये रंग लगाते वक्त आंखों को बंद कर लेना चाहिये, जिससे रंग आंखों से दूर रहें। वहीं, अगर रंगों से आप जलन महसूस कर रहे हैं या फिर कुछ तकलीफ हो रही है तो तुरंत डाॅक्टर से परामर्श लेना चाहिये। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)