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13 साल बाद वीरान गांव में लौटने लगे लोग, पुलिस ने खुलवाया स्कूल

कांकेर: जिले के नक्सल हिंसा से वीरान हो चुके ग्राम महला में पुलिस कैंप खुलने से अब ग्रामीण वापस गांव लौटने लगे हैं। सुरक्षाबलों के लगातार प्रयास से यहां जन-जीवन सामान्य होने लगा है और यहां के लोग शिक्षा के साथ ही साथ विकास भी चाहते है। सामुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रम के तहत उजाड़ पड़े माध्यमिक शाला भवन परतापुर का पुलिस ने जीर्णोद्वार करवाया। पुलिस की पहल पर स्कूल का संचालन भी शुरू हो गया है। नए साल में इस स्कूल भवन का लोकार्पण एसपी शलभ सिन्हा, एएसपी पखांजूर धीरेंद्र पटेल ने बीएसएफ व पुलिस जवानों की उपस्थिति में किया गया।

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उल्लेखनीय है कि वर्ष 2009 में नक्सलियों के आतंक से आतंकित होकर मोहला गांव के ग्रामीणों ने पखांजुर में शरण लिया था। मोहला गांव के इन शरणांर्थियोंको स्थानीय प्रशासन ने पखांजुर थाना के पीछे कलोनी बनाकर शरण दिया था। पुलिस सुरक्षा और गांव में सीमा सुरक्षा बल का कैम्प खुलने के बाद ग्रामीण इस गांव में वापस लौटने लगे है। यहां के जर्जर हो चुके स्कूल भवन का उपयोग नहीं हो पा रहा था, जिसे पुलिस ने जीणोद्धार करवाया। कांकेर एसपी शलभसिन्हा ने स्थानीय स्कूली बच्चे से फीता कटवाकर शाला भवन का शुभारंभ किया। स्कूल भवन के जीर्णोद्धार हो जाने से ग्रामवासी, स्कूल के छात्र-छात्राएं और एवं शिक्षक खुश हैं।

कांकेर एसपी शलभ सिन्हा ने कहा कि वर्ष 2018 में कैम्प महला को स्थापित किया गया।उसके बाद से ग्राम महला के लोग जो विस्थापित होकर पखांजूर में बसे थे वे अब वापस गांव लौटने लगे हैं। पुलिस बल एवं बीएसएफ ने क्षेत्र में लगातार गस्त, सर्चिंग कर क्षेत्र को सुरक्षित किया। जिससे इस गांव के लोगों का सुरक्षा बल के प्रति विश्वास बढ़ने लगा और पुन: अपने घर को वापस लौटने लगे। जिससे नक्सली भय से उजड़ा ग्राम महला फिर से पुर्नस्थापित होने लगा।

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