इंदौरः जिले में कलेक्टर मनीष सिंह की पहल पर अति कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिये विगत तीन माह से चल रहे अभियान के बेहतर परिणाम सामने आये हैं। विभिन्न विभागों के समन्वित प्रयासों से जिले में अति कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर में उल्लेखनीय सुधार आया है। जिले में अभियान के सकारात्मक परिणाम स्वरूप अति कुपोषित बच्चों की संख्या एक हजार 708 से घटकर मात्र 63 रह गयी है। पोषण स्तर में सुधार से संबंधित बच्चों के परिवारों में नयी खुशियां आ गयी हैं। शेष बच्चों के पोषण स्तर में भी सुधार के लिये लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
न्यूट्रिशियन किट बनी मददगार
महिला एवं बाल विकास विभाग के सहायक संचालक रामनिवास बुधोलिया ने मंगलवार को उक्त जानकारी देते हुए बताया कि कलेक्टर मनीष सिंह ने महिला एवं बाल विकास व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर पोषण स्तर में सुधार लाने के निर्देश दिये थे। उन्होंने बाल आरोग्य संवर्धन कार्यक्रम के तहत अभियान भी चलाने के लिये कहा था। निर्देशों के परिपालन में समन्वित प्रयास किये गये। कलेक्टर द्वारा विशेष और अभिनव पहल करते हुये अतिकुपोषित बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिये न्यूट्रिशियन किट प्रत्येक बच्चे को उपलब्ध करायी गयी।
इस किट के माध्यम से बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिये बेहद मदद मिली है, यह किट बेहद उपयोगी साबित हुई है। बुधोलिया ने बताया कि इस किट में पिंडखजुर, राजगिरे के लड्डू, सत्तु, गुड़, मुमफली फली की चिक्की, भूना हुआ चना, खोपरे का गोला आदि थे।
एक हजार 233 अतिकुपोषित बच्चे हुए कुपोषण मुक्त
उन्होंने बताया कि अभियान के प्रयासों के परिणाम स्वरूप इन्दौर जिले में 72.2 प्रतिशत अति कुपोषित बच्चे व 77.9 प्रतिशत मध्यम कुपोषित बच्चे सामान्य पोषण श्रेणी में आ चुके है। इन्दौर जिले में अति कुपोषित बच्चों (SAM) की संख्या 1708 से वर्तमान में सिर्फ 63 रह गयी है। वहीं 9027 मध्यम कुपोषित बच्चो (MAM) में से 7036 बच्चे सामान्य पोषण श्रेणी में आ चुके हैं।
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उल्लेखनीय है कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा माह सितंबर 2021 में अभियान द्वारा इन्दौर जिले की आंगनवाडी में पंजीकृत बच्चो का पोषण वर्गीकरण कर स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से पूरे जिले में 38 स्वास्थ्य शिविरों में सभी अति कुपोषित बच्चों सहित 2586 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। सभी अति कुपोषित बच्चों को कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देश पर रेडक्रॉस द्वारा न्यूट्रीशन किट, आयुष विभाग द्वारा महामाष तेल व पुष्टिवर्धक चूर्ण एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा बीज किट प्रदान की गयी। आंगनवाडी कार्यकर्ता द्वारा सभी अतिकुपोषित बच्चों के घर-घर जाकर प्रत्येक दिन तीन सुपरवाईज्ड फिडिंग की गयी एवं बच्चों के माता-पिता को पोषण एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया। जिला कार्यक्रम अधिकारी, सहायक संचालक, परियोजना अधिकारी व पर्यवेक्षक द्वारा सतत् मॉनिटरिंग व गृहभेंट द्वारा कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु सतत् प्रयास किये गये।
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