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शिंदे-फडणवीस सरकार के निर्णय गैरकानूनीः शिवसेना

Sanjay Raut-min
विधानसभा भंग

मुंबई: शिवसेना प्रवक्ता तथा राज्यसभा सदस्य संजय राऊत ने नई शिंदे-फडणवीस सरकार पर गैरकानूनी तरीके से निर्णय लेने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि 15 दिन बीत जाने के बाद भी कैबिनेट का विस्तार नहीं किया गया है लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली नई सरकार ने अहम फैसले लिए हैं। राऊत ने दावा किया है कि उनके द्वारा लिए गए फैसले अमान्य हैं। इसके लिए उन्होंने भारत के संविधान के अनुच्छेद 164 1ए का हवाला देते हुए महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से सवाल पूछा है।

संजय राऊत ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि ''भारत के संविधान के अनुच्छेद 164 1ए के मुताबिक राज्य के मंत्रियों के मंत्रिमंडल में कम से कम 12 मंत्रियों का होना अनिवार्य है। इससे कम के कैबिनेट संख्या को संविधान की मान्यता प्राप्त नहीं है। पिछले 2 सप्ताह से महाराष्ट्र में 2 मंत्रियों के मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए निर्णय संवैधानिक नहीं हैं। कोई वैधता नहीं है। राज्यपाल, क्या चल रहा है?", संजय राऊत ने कहा कि विधायकों की अपात्रता का मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है और राज्यपाल ने गैरकानूनी तरीके से राज्य में गैरकानूनी तरीके से नई सरकार का गठन करवा दिया है। राज्यपाल को सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ का निर्णय आने तक तत्काल राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर राष्ट्रपति शासन लगवाना चाहिए।

इस बीच, राज्य में महाविकास अघाड़ी सरकार के पतन के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के दो सप्ताह बीत चुके हैं लेकिन इस नई सरकार के मंत्रिमंडल के विस्तार का समय कब आएगा यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है। सरकार को बने 15 दिन हो गए हैं, लेकिन कैबिनेट का विस्तार नहीं हो पाया है, इसलिए सियासी गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं उठने लगी हैं ।

मंत्री समूह के विस्तार पर नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार ने भी सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में बारिश से लोगों को हर तरह की परेशानी हो रही है। मंत्री नहीं हैं, पालक मंत्री नहीं है, इसलिए बाढ़ प्रभावित लोगों को हुए नुकसान का पंचनामा नहीं हो पा रहा है।