रोबोटिक सर्जरी के लिए एसजीपीजीआई को मिली सराहना

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SGPGI Lucknow: हाल ही में आयोजित एसोसिएशन ऑफ रोबोटिक एंड इनोवेटिव सर्जन (एआरआईएस) की पहली राष्ट्रीय बैठक में रोबोटिक सर्जरी में एसजीपीजीआई के अत्याधुनिक काम की सराहना की गई। सम्मेलन का सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र का पुरस्कार एसजीपीजीआई के सर्जिकल गैस्ट्रो एंटरोलॉजी विभाग को मिला।

इसे डॉ. पलाश रावलानी, (वरिष्ठ रेजिडेंट) द्वारा प्रस्तुत किया गया और कोलेसिस्टेक्टोमी (पित्ताशय की सर्जरी) की जटिलताओं के बाद विकसित होने वाली सख्ती के लिए हेपेटिको-जेजुनोस्टॉमी के लिए रोबोटिक सर्जरी के क्षेत्र में प्रोफेसर रजनीश कुमार सिंह के काम को दिखाया गया। रोबोटिक सर्जरी में प्रगति पर हुए शोध और प्रशिक्षण को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से देश भर से 550 से अधिक रोबोटिक सर्जनों ने भागीदारी की। पथरी रोग के निदान व पित्ताशय की सर्जरी के लिए बड़ी ओपन सर्जरी की जाती थी। अब एसजीपीजीआई में रोबोटिक सर्जरी की जा रही है। रोबोटिक सर्जरी से अब दर्द भी कम होता है और मरीज भी जल्दी ठीक हो जाते हैं।

रोबोटिक तकनीक पिछले 05 वर्षों से एसजीपीजीआई के पास उपलब्ध है और कई विभागों (सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, यूरोलॉजी, एंडोक्राइन सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी, कार्डियक सर्जरी) द्वारा की जा रही है। सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग और अन्य विभागों द्वारा गंभीर बीमारियों के कई जटिल ऑपरेशन रोबोटिक सर्जरी द्वारा किए जा रहे हैं। एसजीपीजीआई रोबोटिक सर्जरी सेवाओं का विस्तार करने के लिए दो और सर्जिकल रोबोट की स्थापना पर विचार कर रहा है, ताकि यूपी में ज्यादा से ज्यादा रोगियों का रोबोटिक सर्जरी की मदद से उपचार किया जा सके।

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पीजीआई में तीमारदारों के लिए बनेगा आठ मंजिला भवन

बाहर से पीजीआई इलाज के लिए आए मरीजों और उनके तीमारदारों को अब खाने-पीने और रहने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। जल्द ही एसजीपीजीआई में मरीजों के तीमारदारों के लिए सौ बेड की क्षमता वाला आठ मंजिला भवन बनने जा रहा है। इसमें तीमारदारों के लिए रूकने के साथ वेटिंग हाल और कैटीन की सुविधा मिलेगी। वर्तमान में एसजीपीजीआई में दो हजार से ज्यादा बेड पर इलाज चल रहा है। सुपर स्पेशियलिटी संस्थान होने से प्रदेश ही नहीं पूरे देश से यहां मरीज आते हैं। काफी तीमारदार तो संस्थान के बाहर किराए पर कमरा लेकर रहते हैं, ऐसे में अब इनके लिए आठ मंजिला भवन बनाया जाएगा।

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