आईपीके, लखनऊः बिलिंग सिस्टम में जीरो फीडिंग कर उपभोक्ताओं के करोड़ों रूपए ब्याज हड़पने का मामला सामने आया है। इसका खामियाजा प्रदेश के 60 लाख विद्युत उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ा है। बीते 5 सालों में उपभोक्ताओं की जमा सिक्योरिटी पर ब्याज सिस्टम में जीरो फीड कर विद्युत विभाग ने सैकड़ों करोड़ रूपए का गोलमाल किया है। उपभोक्ता परिषद् ने इसका खुलासा करते हुए प्रदेश सरकार से उपभोक्ताओं की सिक्योरिटी के हड़पे गए करीब 100 करोड़ रूपए की धनराशि को तत्काल उनके बिजली बिलों में वापस दिलाए जाने की मांग की है।
उपभोक्ता परिषद् ने खुलासा किया है कि प्रदेश में करीब 60 लाख विद्युत उपभोक्ता ऐसे हैं जिनकी जमा सिक्योरिटी बीते 5 सालों से बिलिंग सिस्टम में जीरो फीड है। जबकि प्रति किलोवाट 300 रूपए सिक्योरिटी जमा किए बिना कनेक्शन जारी ही नहीं किया गया होगा।
वहीं बिलिंग सिस्टम में जीरो फीडिंग के चलते इन उपभोक्ताओं को उनकी जमा सिक्योरिटी पर ब्याज नहीं मिल रहा है। नियमानुसार प्रति वर्ष विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधान के तहत उनकी जमा सिक्योरिटी पर ब्याज मिलना उपभोक्ताओं का अधिकार है, मगर बिजली कंपनियों के गोलमाल से उपभोक्ता इस लाभ से वंचित हैं। उपभोक्ता परिषद् अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के मुताबिक, बीते 5 सालों से बिजली कंपनियां ब्याज के रूप में जो पैसा हड़पा है वह 100 करोड़ से अधिक है। उपभोक्ता परिषद् की ओर से इस संबंध में कई बार शिकायत भी दर्ज करायी जा चुकी है, मगर हर बार विभाग फाइल प्रोसेस या कोई न कोई बहाना बनाकर टालता जाता है।
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उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और उपभोक्ताओं को पैसा वापस करने की मांग सरकार से की है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सबसे बड़ा गोलमाल यह है कि बिजली कंपनियां प्रति वर्ष नियामक आयोग को सौंपे जाने वाले बिजली दर प्रस्ताव में यह प्रस्तावित करती हैं कि उपभोक्ताओं को सिक्योरिटी पर दिए जाने वाले ब्याज के करोड़ों रूपए को टैरिफ में पास किया जाए। बिजली कंपनियां इसको प्रस्तावित ही नहीं बल्कि यह पैसा पास भी करा लेती हैं। मगर बीते 5 साल से विभाग द्वारा यह राशि हड़पे जाने से उसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा कर रहा है।