Nagpur News : ब्रह्मोस मिसाइल तकनीक की जासूसी करने वाले वैज्ञानिक निशांत अग्रवाल को नागपुर की एक अदालत ने सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने वाले निशांत अग्रवाल को 2018 में नागपुर के उज्ज्वलनगर इलाके से गिरफ्तार किया गया था। वैज्ञानिक निशांत अग्रवाल उत्तराखंड के रुड़की के रहने वाले थे। निशांत ने एनआईटी, कुरुक्षेत्र से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। पढ़ाई में मेधावी निशांत को 2014 में नागपुर में ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट में नौकरी मिल गई थी।
यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड से नवाजा गया
वह ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट के हाइड्रोलिक-न्यूमेटिक्स और वॉरहेड इंटीग्रेशन विभाग के 40 लोगों की टीम का नेतृत्व करते थे। यूनिट ने निशांत को 2017-18 में यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड से भी नवाजा था। निशांत ब्रह्मोस के सीएसआर, आरएंडडी ग्रुप के सदस्य भी थे। गिरफ्तारी के वक्त निशांत अग्रवाल ब्रह्मोस नागपुर और पिलानी साइट्स के प्रोजेक्ट की देखरेख कर रहे थे। निशांत नागपुर एयरपोर्ट के पास बस्ती उज्ज्वलनगर में मनोहर काले के यहां किराए पर रहता था।
हनीट्रैप में फंसकर उठाया कदम
इस बीच निशांत पाकिस्तान के हनीट्रैप में फंस गया और उसने पाकिस्तान के लिए जासूसी शुरू कर दी। उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने 2018 की शुरुआत में एक आईएसआई एजेंट को हिरासत में लिया था। पूछताछ में निशांत अग्रवाल का नाम सामने आया। इसकी जानकारी मिलिट्री इंटेलिजेंस को दी गई। इसके बाद यूपी एटीएस और मिलिट्री इंटेलिजेंस की टीमें निशांत अग्रवाल के बारे में जानकारी जुटाने लगीं। निशांत फेसबुक पर पाकिस्तानी महिला मित्रों के साथ डीआरडीओ और ब्रह्मोस मिसाइल की जानकारी साझा कर रहा था। यह जानकारी आईएसआई से अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए को दी जा रही थी। निशांत के बारे में जानकारी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश एटीएस, महाराष्ट्र एटीएस और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने संयुक्त रूप से निशांत के नागपुर स्थित घर पर छापेमारी की। रुड़की स्थित उसके पैतृक घर पर भी छापेमारी की गई।
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आज सुनाई आजीवन कारावास की सजा
जांच एजेंसियों को निशांत से जब्त लैपटॉप में मिसाइल तकनीक से जुड़ी जानकारी और दस्तावेज मिले थे। संयुक्त टीमों ने निशांत के रुड़की स्थित घर, ब्रह्मोस की नागपुर यूनिट और नागपुर स्थित घर की तलाशी ली। निशांत के फेसबुक अकाउंट से पता चला कि पूजा रांझक और नेहा शर्मा नाम के दो संदिग्ध फेसबुक अकाउंट निशांत की फ्रेंड लिस्ट में थे। ये दोनों अकाउंट पाकिस्तान से संचालित किए जा रहे थे। इसके बाद निशांत को गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में नागपुर जिला न्यायाधीश देशपांडे की अदालत में केस चल रहा था। अदालत ने मार्च 2023 में निशांत को जमानत भी दे दी थी। आज अदालत ने विशेष लोक अभियोजक ज्योति वजानी द्वारा लगाए गए आरोपों और दलीलों को सबूतों के साथ स्वीकार करते हुए निशांत अग्रवाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
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