Appointment of Election Commissioners: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भारत के चुनाव आयोग में नए कानून के तहत नियुक्तियों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। संसद द्वारा पारित इस नए कानून में भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) को मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाली समिति से बाहर रखा गया है।
चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति में कौन शामिल?
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ”आमतौर पर, हम अंतरिम आदेश से किसी कानून पर रोक नहीं लगाते हैं।” मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय का कार्यकाल) अधिनियम, 2023 के अनुसार चुनाव आयोग में रिक्तियों को भरने से रोकने की मांग करने वाली विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पीठ ने यह टिप्पणी की। पीठ में न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह भी शामिल थे।
बता दें कि अधिनियम में प्रावधान है कि मुख्य चुनाव आयोग और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता (या सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता) की चयन समिति की सिफारिश पर की जाएगी और प्रधानमंत्री द्वारा नामांकित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे। सुनवाई के दौरान, जनहित याचिका दायर करने वाले वादी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने शीर्ष अदालत से आगामी लोकसभा चुनाव से पहले संसद द्वारा पेश किए गए कानून की वैधता पर निर्णय लेने का आग्रह किया।
यह भी पढ़ें-इनकी हिम्मत कैसे हो गई? पहले देश में घुसपैठ अब हुड़दंग… शरणार्थियों पर फिर भड़के केजरीवाल
21 मार्च को अगली सुनवाई
पीठ ने कोई अंतरिम निर्देश पारित किए बिना कहा, “आवेदन को रिकॉर्ड पर आने दीजिए। हम इसकी जांच करेंगे।” केंद्र के दूसरे सबसे बड़े कानून अधिकारी, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चुनाव आयोग में नई नियुक्तियों पर रोक लगाने की मांग करने वाला अंतरिम आवेदन उन्हें नहीं दिया गया है। आख़िरकार शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 21 मार्च तय की।
पिछले महीने सेवानिवृत्त हुए थे चुनाव आयुक्त
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को शीर्ष अदालत के मार्च 2023 के संविधान पीठ के फैसले के अनुसार चुनाव निकाय के सदस्य की नियुक्ति के निर्देश देने की मांग करने वाली याचिकाओं को तुरंत 15 मार्च को सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की थी। जिसमें नियुक्ति समिति में प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और सीजेआई को रखने का निर्देश दिया गया था।
केंद्र सरकार ने गुरुवार को पूर्व नौकरशाह ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू को चुनाव आयुक्त नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की। यह फैसला लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे के कुछ दिन बाद आया है। दूसरे चुनाव आयुक्त, अनूप चंद्र पांडे, पिछले महीने सेवानिवृत्त हुए थे।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)