Sawan Somvar Rudrabhishek : भगवान भोलेनाथ को प्रिय सावन का पवित्र महीना चल रहा है। सावन का महीना भगवान शिव जी को बेहद प्रिय है। इस महीने में भोलेनाथ की पूजा करने से हर मनोकामना अवश्य पूरी होती है। वैसे सवान महीने का हर दिन महादेव को सर्पित है। लेकिन सवान से सोमवार का अपना अगल ही महत्व है। इस साल सावन में 5 सोमवार भी पड़ रहे हैं। तीन सावन सोमवार बीत चुके हैं। जबकि चौथा सावन सोमवार 12 अगस्त को है।
सावन के चौथे सोमवार पर बना रहा शुभ योग
सावन के चौथे सोमवार पर शुक्ल योग बन रहा है। साथ ही इस दिन रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) के लिए शिववास भी है, लेकिन यह भी सुबह जल्दी ही खत्म हो जाएगा। ऐसे अगर आप सावन के चौथे सोमवार को भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने जा रहे हैं तो सबसे पहले आपको रुद्राभिषेक के सही समय के बारे में सही जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए। ताकि आपको सावन के चौथे सोमवार के व्रत का पूरा लाभ मिल सके। आइए जानते हैं सावन के चौथे सोमवार पर पूजा और रुद्राभिषेक का शुभ मुहूर्त…
सावन का चौथा सोमवार 2024
सावन के चौथे सोमवार को सप्तमी तिथि का योग बन रहा है, जो सुबह 7:55 बजे तक रहेगी। साथ ही इन दिन स्वाति नक्षत्र भी बन रहा है, जो सुबह 8:23 बजे तक रहेगा और इसके बाद विशाखा नक्षत्र शुरू हो जाएगा। सावन सोमवार व्रत के दिन शुक्ल योग और ब्रह्म योग भी बन रहा है। शुक्ल युग शाम 04:26 बजे तक रहेगा और इसके बाद ब्रह्म योग शुरू हो जाएगा। इन योगों में रुद्राभिषेक करना बेहद शुभ माना जाता है।
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रुद्राभिषेक की सामग्री
रुद्राभिषेक के लिए सफेद फूल, बेलपत्र, फल, सिंदूर, धूप-दीप, कपूर, अगरबत्ती, चंदन का लेप, घी, गंगाजल, कच्चा दूध, गुलाब जल, इत्र, तेल, बाती समेत पूजा की सभी सामग्री एकत्रित कर लें।
Rudrabhishek: रुद्राभिषेक के नियम
- नदी के किनारे या पहाड़ की ढलान पर स्थित शिवलिंग के मंदिर में स्थित शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करना शुभ माना जाता है।
- मंदिर के गर्भगृह में स्थित शिवलिंग पर जलाभिषेक करना शुभ होता है।
- रुद्राभिषेक करने के लिए तांबे के लोटे में जल का प्रयोग करें।
- आप घर में स्थापित शिवलिंग पर भी रुद्राभिषेक कर सकते हैं। इसके अलावा शिव मंदिर में जाकर रुद्राभिषेक करना बहुत अच्छा माना जाता है।
ऐसे करें रुद्राभिषेक (Rudrabhishek)
- भगवान शिव के रुद्राभिषेक के लिए सबसे पहले भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करें।
- इसके बाद रुद्राभिषेक करने का संकल्प लें। फिर पूजा शुरू करें।
- शिव-गौरी के साथ ही नौ ग्रहों का स्मरण करें और रुद्राभिषेक का उद्देश्य बताएं।
- उत्तर दिशा में शिवलिंग स्थापित करें और रुद्राभिषेक की प्रक्रिया शुरू करें ।
- रुद्राभिषेक के लिए पूर्व दिशा में बैठकर मिट्टी से शिवलिंग बनाएं और उस पर जलाभिषेक करें।
- शिवलिंग को गंगाजल से स्नान कराएं और फिर रुद्राभिषेक में इस्तेमाल की गई चीजें भगवान शिव को अर्पित करें।
- अंत में भगवान शिव को प्रसाद चढ़ाएं। पूजा में इस्तेमाल किए गए जल और अन्य पदार्थों को परिवार के सदस्यों पर छिड़कें।
रुद्राभिषेक का महत्व
रुद्राभिषेक करने और सोमवार का व्रत रखने से लोगों को अपने जीवन में सुख, समृद्धि, धन, ऐश्वर्य और आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति नियमित रूप से सावन सोमवार का व्रत रखता है, उस पर महादेव की कृपा निरंतर बनी रहती है और जीवन में आ रही कई तरह की परेशानियां दूर हो जाती हैं। शास्त्रों में भी बताया गया है कि भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति को रोग, दोष आदि से मुक्ति मिलती है और सभी बाधाएं भी दूर रहती हैं।