Saurabh Sharma Case: शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अलग-अलग टीमों ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और ग्वालियर में आठ जगहों पर छापेमारी की। जिन लोगों पर ईडी की टीम ने छापेमारी की है, वे परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के करीबी बताए जा रहे हैं। भोपाल के इंद्रपुरी स्थित नवोदय अस्पताल के संचालक डॉ. श्याम अग्रवाल के ठिकानों और ग्वालियर के मुरार स्थित सीपी कॉलोनी समेत पूर्व वरिष्ठ उप पंजीयक केके अरोड़ा के चार ठिकानों समेत चार जगहों पर तलाशी चल रही है।
Saurabh Sharma Case: सुबह पांच बजे की छापेमारी
ईडी की टीम सुबह करीब पांच बजे से अरोड़ा और डॉ. अग्रवाल के सभी ठिकानों पर पहुंच गई। फिलहाल ईडी के अधिकारी दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं। पूर्व वरिष्ठ उप पंजीयक अरोड़ा विनय हसवानी के बिजनेस पार्टनर हैं। भोपाल के मेंडोरी स्थित विनय हसवानी के फार्म हाउस से 54 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए नकद से भरी कार मिली थी। विनय हसवानी परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के मामा और पूर्व डीएसपी मुनीष राजोरिया के दामाद हैं। पड़ोसियों के मुताबिक केके अरोड़ा और उनकी पत्नी 25 दिन पहले घर से चले गए ईडी की टीम ने छापेमारी के दौरान किराएदारों को घर के अंदर बंद कर दिया था। उनके बच्चों को भी स्कूल नहीं जाने दिया गया।
वहीं, ईडी भोपाल में इंद्रपुरी बी सेक्टर स्थित डॉ. श्याम अग्रवाल के घर पहुंची है। टीम इंद्रपुरी स्थित नवोदय कैंसर अस्पताल और एमपी नगर स्थित उनके दूसरे अस्पताल की जांच कर रही है। ईडी को जांच के दौरान भारी मात्रा में निवेश से जुड़े दस्तावेज और नकदी मिलने की उम्मीद है। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
Saurabh Sharma Case: क्या है पूरा मामला
परिवहन विभाग (आरटीओ) में कांस्टेबल रहे सौरभ शर्मा और उनके करीबियों पर चेक पोस्ट पर पोस्टिंग कराने के लिए दलाली का आरोप है। सौरभ ने महज 12 साल की नौकरी में ही पूरे प्रदेश में करोड़ों का अवैध साम्राज्य खड़ा कर लिया था। मूल रूप से ग्वालियर के रहने वाले सौरभ को पिता की जगह अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। नौकरी के कुछ ही सालों में उनकी लाइफ स्टाइल बदल गई थी। परिवहन विभाग और दूसरी जांच एजेंसियों के खिलाफ शिकायतें होने लगीं तो सौरभ ने वीआरएस लेने का फैसला किया। इसके बाद उन्होंने भोपाल के कई नामी बिल्डरों के साथ मिलकर प्रॉपर्टी में निवेश करना शुरू कर दिया। गौरतलब है कि तीन जांच एजेंसियों ईडी, लोकायुक्त और आयकर विभाग ने सौरभ शर्मा के ठिकानों पर नौ दिन तक छापेमारी की थी। इस दौरान उसके पास 93 करोड़ से अधिक की संपत्ति का खुलासा हुआ था।
सौरभ के ठिकानों पर लोकायुक्त की कार्रवाई चल रही थी, इसी बीच 19 और 20 दिसंबर की रात आयकर की टीम ने मेंडोरी के जंगल में एक इनोवा कार से 54 किलो सोने की छड़ें और 11 करोड़ रुपये नकद बरामद किए। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विनय हसवानी खुद चार से पांच वाहनों के काफिले में 19 दिसंबर 2024 को दो बार इनोवा कार को मेंडोरी लेकर गया था। इसके बाद उसके लोग लगातार इस कार पर नजर रख रहे थे।
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जिस जगह से कार जब्त की गई, वहां सिर्फ तीन फार्म हाउस हैं। उससे आगे जाने का कोई रास्ता नहीं है। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भोपाल की टीम ने सौरभ शर्मा के साले रोहित तिवारी के जबलपुर स्थित आवास पर छापेमारी की थी। ईडी ने सौरभ के सहयोगी शरद जायसवाल के भोपाल और चेतन सिंह गौड़ के ग्वालियर स्थित घर-दफ्तर पर छापा मारकर 23 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति जब्त की है। ईडी इस मामले की आयकर विभाग की जांच से अलग जांच कर रही है।
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