Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश की संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में आस्था के अनूठे रंग देखने को मिल रहे हैं। महाकुंभ का हिस्सा बनने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु लगातार संगम नगरी पहुंच रहे हैं और यहां मौजूद साधु-संत भी लोगों के आकर्षण का केंद्र हैं। ऐसे ही एक हैं खड़ेश्वर बाबा, जो पिछले छह सालों से खड़े हैं। देशी हो या विदेशी नागरिक, हर कोई बाबा से आशीर्वाद लेने उनके मंडप में पहुंच रहा है।
Mahakumbh 2025: खड़ेश्वर बाबा ने कहा-
रूपेश पुरी उर्फ खड़ेश्वर बाबा ने कहा, “मेरा आश्रम हरिद्वार में हर की पौड़ी में है और मैं पिछले छह सालों से खड़े रहने की साधना कर रहा हूं। ऐसा करने का कोई खास कारण नहीं है और मैंने यह भी नहीं सोचा है कि मैं कब तक इस तरह की तपस्या करूंगा। हालांकि मैं जनकल्याण और सनातन धर्म के लिए तपस्या कर रहा हूं। साधु-संत ही सनातन धर्म की नींव हैं।” दरअसल, खड़ेश्वर बाबा पिछले छह सालों से साधना कर रहे हैं। इस साधना को हठ योग कहा जाता है। उनका मानना है कि उनकी तपस्या मानव कल्याण के लिए है।
पंच दशनाम जूना अखाड़े से ताल्लुक रखते हैं बाबा
गौरतलब है कि खड़ेश्वर बाबा श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े से ताल्लुक रखते हैं। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु भी खड़ेश्वर बाबा की तपस्या से काफी प्रभावित हैं और उनसे आशीर्वाद भी ले रहे हैं। संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा। ऐसा महाकुंभ 144 साल बाद आया है। इसके चलते हर कोई स्नान के लिए संगम नगरी प्रयागराज पहुंच रहा है।
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Mahakumbh 2025: मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ लोगों ने किया स्नान
महाकुंभ 2025 13 जनवरी से शुरू हो गया है। दूसरे दिन मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान के दौरान 3.50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाई। सीएम योगी ने बताया कि मंगलवार को पहले अमृत स्नान के अवसर पर 3।50 करोड़ से अधिक साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में डुबकी लगाई और पुण्य लाभ कमाया।