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सतीश महाना बने यूपी विधानसभा के नए अध्यक्ष, CM योगी के साथ उन्‍हें कुर्सी तक ले गए अखिलेश

लखनऊः उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में भाजपा के वरिष्ठ विधायक सतीश महाना (Satish Mahana) निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। परंपराओं का पालन करते हुए नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव नवनिर्वाचित अध्यक्ष को उनके आसन तक ले गए। विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने सदन को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि जो अवसर मिले उसे निभाना चाहिए। इस पीठ पर आसीन होना गौरवपूर्ण है। इस पीठ पर अनुभवी सदस्य का चयन सर्वसम्मति से होना, अत्यंत सुखद अनुभूति कराता है।

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उत्तर प्रदेश में अभी बहुत दिन नहीं हुए जब दोनों तरफ से मिसाइलें चल रही थीं। उस समय हर व्यक्ति एक दूसरे के हमलों से झुलसने से बचने के लिए प्रयास कर रहा था लेकिन यह भारत में ही संभव हो सकता है। भारत में भी उत्तर प्रदेश में ही यह संभव हो सकता है कि लोकतंत्र की गरिमा और उसकी मर्यादा को बनाए रखने के लिए सब मिलकर के आगे बढ़ें। आज सर्वसम्मति से आपका चयन हुआ है। यह लोकतांत्रिक परंपराओं को और मजबूत करता है। इसके लिए सत्तापक्ष और विपक्ष से जुड़े हुए नेताओं में नेता प्रतिपक्ष और सभी दलों के नेताओं के साथ-साथ नवनिर्वाचित सदस्यों के चुनाव के लिए और आपके चुनाव के लिए भी हृदय से अभिनंदन करता हूं।

उल्लेखनीय है कि सतीश महाना (Satish Mahana) ने 28 मार्च को विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया था। किसी अन्य पार्टी की तरफ से इस पद के लिए उम्मीदवार नहीं उतारने के कारण उनको आज निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया। योगी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के रूप में राजर्षि टंडन का नाम आता है। उन्होंने राजनीतिक परंपराओं को स्थापित करने का काम किया था। केसरीनाथ त्रिपाठी ने तीन बार विधानसभा के इस गरिमामय पद को सुशोभित किया और आज जब हम 18वीं विधानसभा में हैं, इस सदन के वरिष्ठ सदस्य माता प्रसाद पांडेय ने भी दो बार इस पद को सुशोभित किया है।

उन्होंने कहा कि आपका चयन बहुत सारा संदेश दे देता है। लोकतंत्र के दो पहिए सत्ता पक्ष और विपक्ष नए भारत का नया उत्तर प्रदेश बनाने का संदेश दे रहे हैं। योगी ने कहा कि मार्च के प्रथम सप्ताह तक चुनावी आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा। हर दल अपने अनुसार चलता था लेकिन हम एक चीज देखते हैं कि देश के अंदर हो या उत्तर प्रदेश के अंदर, जनता कभी नकारात्मकता को स्थान नहीं देती है। जो दल सकारात्मक हैं, लोक कल्याणकारी हैं, जनता उसी को अंगीकार करती है। आज जब देश की अपेक्षाएं उत्तर प्रदेश से हैं, तो उस पर खरा उतरने के लिए हमें काम करना है। सत्ता पक्ष और विपक्ष जब मिलते हैं तो एक-एक मिलकर दो नहीं, बल्कि 11 होते हैं। जन आकांक्षाओं की पूर्ति करने का माध्यम बनते हैं। इसलिए हमारे सभी जनप्रतिनिधियों पर जनमानस ने भरोसा जताया है। उसे कभी भी अविश्वास में नहीं बदलने देना चाहिए। यह हमारा प्रयास होना चाहिए। कल दिनभर में 343 सदस्यों ने शपथ ली थी, आज 60 सदस्यों ने शपथ लिया है। चुनाव संपन्न हो गए हैं। अब हमें उत्तर प्रदेश के विकास के बारे में सोचना, प्रदेश की 25 करोड़ जनता के हितों के संवर्धन के बारे में सोचना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के अंदर बहुत विधानसभा है। विधानसभा के अंदर क्या होता है, इसे जनता देखती है। 17वीं विधानसभा में बहुत सारे ऐसे कार्य हुए जिसके बारे में देशभर के लोग जानना चाहते थे। दो वर्ष तो कोरोना कॉल में चला गया। तीन वर्षों के दौरान सस्टेनेबल डेवलपमेंट को लेकर लगातार 36 घंटे तक विधानसभा चली। यह रिकार्ड बना। इसी सदन में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर भी विशेष सदन चलाया गया। 31 दिसंबर 2019 को भी विशेष सत्र आयोजित किया गया था। 2020 के प्रारंभ में सातवें राष्ट्रमंडल संसदीय दल का सम्मेलन आयोजित किया गया। 17वीं विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के नेतृत्व में बहुत उत्कृष्ट विधानसभा चली। संसदीय परंपराओं और परिपाटी को और मजबूती देने के लिए आपका इस पद पर चयन हुआ है। नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि लोकतांत्रिक परंपराओं को बल मिलेगा। उन्होंने नवनिर्वाचित अध्यक्ष को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।

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