मास्कोः यूक्रेन-रूस के बीच करीब चार सप्ताह से जारी युद्ध के बीच मंगलवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से फोन पर इस मसले पर वार्ता की। एक रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन ने मैक्रों को यूक्रेन और रूस के बीच हुई शांति वार्ता के बारे में बताया और उस पर चर्चा की। जानकारी के मुताबिक पेरिस के आग्रह पर पुतिन और मैक्रों के बीच यह फोन काल आयोजित की गई थी। हालांकि इससे पहले रूस और यूक्रेन दोनों देशों के बीच इस संबंध में कई दौर की वार्ता हो चुकी हैं।
इस युद्ध में रूस और समूचे विश्व के लिए यह बड़े आश्चर्य का विषय है कि कैसे अत्याधुनिक रूसी वायुसेना को यूक्रेन की सीमित संसाधनों वाली वायुसेना ने अब तक रोक कर रखा है। माना जा रहा था कि रूसी वायुसेना बहुत ही कम समय में यूक्रेन के आकाश में कब्जा जमा लेगी लेकिन यूक्रेनी वायुसैनिकों ने फिलहाल ऐसा होने नहीं दिया है।
एक पायलट एंड्रिय बताते हैं कि वह आदेश मिलने की प्रतीक्षा में बेचैन टहलते रहते हैं, जैसे ही ‘एयर’ शब्द का उद्घोष होता है, वह बिना परीक्षण के ही अपना एसयू-27 सुपरसोनिक जेट लेकर आकाश में उड़ जाते हैं। मिशन भी पता नहीं होता, लेकिन लक्ष्य एक ही है, रूसी वायुसेना को रोककर रखना।
आधुनिकता में पीछे होने के बावजूद यूक्रेनी पायलट गुजरे जमाने की ‘टाप गन’ स्टाइल की युद्धक शैली से रूसी वायुसेना का पसीना छुड़ा रहे हैं। अब तक इस युद्ध में दस मिशन पूरे कर चुके 25 वर्ष के एंड्रिय कहते हैं कि हर बार आकाश में रूसी वायुसेना के हमसे पांच गुना अधिक जेट होते हैं, लेकिन हम डटे रहते हैं। यूक्रेनी पायलटों की इस बहादुरी से थल सैनिकों को मजबूती मिली है और शहरों पर बहुत अधिक बमबारी भी नहीं हो सकी है।
वहीं, यूक्रेन का दावा है कि उसने रूस के 97 विमान मार गिराए हैं। यूक्रेन के युद्धक विमान गुप्त तरीके से उड़ानें भर रहे हैं, कभी हमले का शिकार हो चुके पश्चिमी क्षेत्र की एयरस्टि्रप से तो कभी हाईवे से। अनुमान है कि रूस प्रतिदिन 200 से अधिक शार्टी (युद्धक विमान की परीक्षण उड़ान) भरता है जबकि यूक्रेन पांच से दस ही शार्टी करता है। यूक्रेन के पायलटों को एक फायदा है। रूसी विमान उन क्षेत्रों के ऊपर उड़ते हैं, जहां यूक्रेनी सेना काबिज है। ऐसे में उन पर एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलों से हमला भी होता है। यूक्रेन के पास अब करीब 55 जेट ही बचे हैं।