Rural India Festival-2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के विकास की अनदेखी करने और केवल गरीबी हटाओ के नारे लगाने के लिए पिछली सरकारों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 2014 से वे ग्रामीण भारत की सेवा में लगे हुए हैं और इसका परिणाम है कि आज ग्रामीण भारत में गरीबी 5 प्रतिशत से भी कम हो गई है। शनिवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में ग्रामीण भारत महोत्सव-2025 (Rural India Festival-2025: ) के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्रामीण भारत महोत्सव के साथ साल की शानदार शुरुआत भारत की विकास यात्रा को दर्शाती है और एक विशिष्ट पहचान बनाती है।
Rural India Festival-2025: गरीबी हटाओ नारे का किया कटाक्ष
प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) और अन्य योगदानकर्ताओं को बधाई दी। एसबीआई की ताजा शोध रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कल ही भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट आई है, जिसके अनुसार 2012 में भारत में ग्रामीण गरीबी करीब 26 प्रतिशत थी। जबकि 2024 में ग्रामीण गरीबी 5 प्रतिशत से भी कम हो गई है। कांग्रेस के गरीबी हटाओ के नारे पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि गरीबी हटाओ के नारे सालों से लगते आ रहे हैं, लेकिन अब गरीबी कम हुई है।
मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों ने एससी-एसटी-ओबीसी की जरूरतों पर ध्यान नहीं दिया। गांवों से पलायन होता रहा, गरीबी बढ़ती रही, गांवों और शहरों के बीच की खाई बढ़ती रही। मोदी ने उन लोगों की पूजा की है, जिन्हें कोई पूछता नहीं था। दशकों से विकास से वंचित रहे क्षेत्रों को अब समान अधिकार मिल रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह सारा काम (गांवों को सशक्त बनाने का) पिछली सरकारों में भी हो सकता था… क्या हमें मोदी का इंतजार करना पड़ा? आजादी के दशकों बाद भी हमारे देश के गांव बुनियादी जरूरतों से वंचित थे। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ी जातियों की अधिकांश आबादी गांवों में रहती है।
Rural India Festival-2025: पीएम मोदी ने बताया सरकार का विजन
दुर्भाग्य से पिछली सरकारों ने उनकी जरूरतों को नजरअंदाज किया, लेकिन मोदी इन गांवों को सशक्त बना रहे हैं और उन लोगों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिन्हें पहले नजरअंदाज किया गया था।” उन्होंने कहा कि वे 2014 से ग्रामीण भारत की सेवा कर रहे हैं। गांव के लोगों को सम्मानजनक जीवन देना सरकार की प्राथमिकता है। हमारा लक्ष्य गांवों को विकास और अवसर के जीवंत केंद्रों में बदलकर ग्रामीण भारत को सशक्त बनाना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम-किसान योजना के तहत किसानों को 3 लाख करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई है। पिछले 10 वर्षों में कृषि ऋण में 3.5 गुना वृद्धि की गई है। देश की तीन करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है और अब तक 1.15 करोड़ ग्रामीण महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं। हमारा विजन है कि भारत के गांवों के लोग सशक्त हों, उन्हें गांव में ही आगे बढ़ने के ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलें, उन्हें पलायन न करना पड़े, गांव के लोगों का जीवन आसान हो, इसलिए हमने हर गांव में बुनियादी सुविधाओं की गारंटी के लिए अभियान चलाया। गांव के हर वर्ग के लिए विशेष नीतियां बनाई गई हैं।
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Rural India Festival-2025: ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिल रही मजबूती
प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी दो-तीन दिन पहले ही कैबिनेट ने ‘पीएम फसल बीमा योजना’ को एक और साल के लिए जारी रखने की मंजूरी दी है। दुनिया में डीएपी की कीमत बढ़ती जा रही है, आसमान छू रही है, लेकिन हमने तय किया कि किसान के सिर पर बोझ नहीं पड़ने देंगे और हमने सब्सिडी बढ़ाकर डीएपी की कीमत स्थिर रखी है। हमारी सरकार की नीयत, नीति और निर्णय ग्रामीण भारत को नई ऊर्जा से भर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे गांवों में खेती के अलावा कई लोग अलग-अलग तरह की पारंपरिक कलाओं और हुनर का काम करते हैं। इनका ग्रामीण अर्थव्यवस्था और स्थानीय अर्थव्यवस्था में बहुत योगदान रहा है, लेकिन पहले इनकी उपेक्षा भी होती थी।
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