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RSS प्रमुख मोहन भागवत को मिली Z प्लस से भी तगड़ी सिक्योरिटी, जानें कितने जवानों की होती है तैनाती

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Mohan Bhagwat ASL Security , नई दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक (RSS) प्रमुख मोहन भागवत अब एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (ASL) की सुरक्षा में रहेंगे। इसी तरह की सुरक्षा गृह मंत्री अमित शाह को भी मिली है। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि आईबी ने मंत्रालय को खतरों से जुड़ी एक विश्लेषण रिपोर्ट सौंपी थी। इसके आधार पर 16 अगस्त को नए निर्देश जारी किए गए।

अधिकारियों ने बताया कि पहले ASL प्रोटोकॉल का इस्तेमाल तब किया जाता था, जब भागवत संवेदनशील जगहों पर जाते थे। अब भागवत उन लोगों में शामिल हैं, जिन्हें CISF की ‘Z+’ सुरक्षा मिलेगी। नए सुरक्षा अपडेट के साथ ही सीआईएसएफ द्वारा वर्तमान में दी जा रही सुरक्षा को और अपडेट किया जाएगा।

एएसएल सुरक्षा में स्थानीय एजेंसियों के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों में शामिल होने का एक प्रोटोकॉल होता है। आईबी ने रिपोर्ट में उन राज्यों का जिक्र किया है, जहां भाजपा की सरकार नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भागवत को कट्टरपंथी इस्लामिक समूहों के अलावा अन्य संगठनों से भी खतरा है।

Z+ ASL कवर क्या है?

Z प्लस सुरक्षा में ASL कवर सबसे खास होता है। यह बिल्कुल पीएम के SPG कवर जैसा होता है। ASL का मतलब एडवांस सिक्योरिटी लाइजन होता है। इस कवर में उनके साथ सुरक्षाकर्मी होते हैं। इस तरह की सुरक्षा वाला व्यक्ति जब कहीं जाता है तो उसका सुरक्षाकर्मी सबसे पहले वहां पहुंचता है और व्यवस्थाओं को देखता है। भारत में यह सुरक्षा बहुत कम लोगों को मिलती है। भारत के गृह मंत्री के बाद अब मोहन भागवत को भी यह Z प्लस ASL सुरक्षा मिली है। खास बात यह है कि इस सुरक्षा में आईबी भी शामिल है।

Z+ सिक्योरिटी क्या ? कितने जवानों की होती है तैनाती

अगर जेड प्लस सुरक्षा की बात करें तो इसमें जवानों की संख्या करीब 36 होती है। इसमें कई लोगों को NSG कवर मिलता है, जबकि कई लोगों को सीआरपीएफ, सीआईएसएफ कवर मिलता है। वहीं, कुछ लोगों की जेड प्लस सुरक्षा में राज्य पुलिस के जवान भी होते हैं। जेड प्लस के बाद Z, Y+ , Y, X आदि श्रेणियां होती हैं। इसके अनुसार, मोहन भागवत को दी गई जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा Z+ ASL है। वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार को सिर्फ जेड प्लस सुरक्षा दी गई है।

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शरद पवार को दी गई Z+ सुरक्षा

इससे पहले केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों के मद्देनजर 21 अगस्त को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार को जेड+ सुरक्षा दी थी। अब उनकी सुरक्षा में 10 अतिरिक्त सीआरपीएफ जवान तैनात किए गए हैं। 22 अगस्त को शरद ने केंद्र पर जासूसी का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि मेरी जानकारी निकालने के लिए मेरी सुरक्षा बढ़ाई गई हो। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं। हो सकता है कि उन्हें कुछ महत्वपूर्ण जानकारी की जरूरत हो। इसीलिए यह व्यवस्था की गई होगी।

सिर्फ प्रधानमंत्री को मिलती है हाई सिक्योरिटी SPG

स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) सुरक्षा का सबसे उच्च स्तर है। यह देश के सबसे पेशेवर और आधुनिक सुरक्षा बलों में से एक है। यह सुरक्षा सिर्फ देश के प्रधानमंत्री को दी जाती है। दरअसल, एसपीजी एक अलग फोर्स की तरह है, जो सिर्फ पीएम की सुरक्षा को कवर करती है। SPG में प्रधानमंत्री बुलेट प्रूफ कार में यात्रा करते हैं। काफिले में 2 बख्तरबंद गाड़ियां होती हैं।

पीएम के काफिले में 9 हाई प्रोफाइल गाड़ियों के अलावा एक एंबुलेंस और एक जैमर होता है। पीएम के काफिले में एक डमी कार भी चलती है। काफिले में करीब 100 जवान शामिल होते हैं। इसके बाद दूसरे जेड प्लस सुरक्षाकर्मियों का नंबर आता है। हर सुरक्षा में साथ चलने वाले जवानों आदि की संख्या तय होती है और प्रोटोकॉल से जुड़ी जानकारी होती है।

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