नई दिल्लीः कोरोना महामारी में लोगों को वायरस से बचाने में अहम भूमिका निभाने वाले मास्क से अब सड़क बनाई जाएगी। ये सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन अध्ययनकर्ताओं ने पर्यावरण को बचाने के लिए नई तकनीक इजात की है। जिससे कचरे में फेके जाने वाले मास्क से सड़क बनाई जा सकेगी।
दरअसल, इस्तेमाल हो चुके मास्क से पर्यावरण को हो रहे खतरे को देखते हुए शोधकर्ताओं ने इसका उपाय ढूंढ निकाला है। जिससे पर्यावरणीय खतरों को कम किया जा सके। शोधकर्ताओं का मानना है कि यदि महामारी से उत्पन्न कचरे का इस्तेमाल किया जा सके तो उससे दो फयदे होंगे। एक तरफ यहां-वहां बिखरे फेस मास्क के कूड़े से छुटकारा मिलेगा तो वहीं दूसरी तरफ इसका उपयोग कच्चे माल के रूप में किया जा सकेगा।
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आरएमआईटी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता ने बताया कि मास्क का इस्तेमाल कर सड़क बनाने वाली सामग्री विकसित की गई है। यह सामग्री सिविल इंजीनियरिंग सुरक्ष मानकों को पूरा करने के लिए की गई है। इसमें एक बार इस्तेमाल होने वाले मास्क और भवन बनाने वाले मलबे का मिश्रण शामिल है। शोधकर्ता ने एक मिश्रण की पहचान की जो 99 प्रतिशत आरसीए के लिए 1 प्रतिशत फेस मास्क जो दो सामग्रियों के बीच अच्छा सामंजस्य बनाकर मजबूती दे सकता है। इस मिश्रण पर एसिड और पानी के प्रतिरोध के मजबूती की जांच भी की गई जिसमें ये सही पाया गया है।