नई दिल्ली: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 26 जनवरी को लाल किले पर तिरंगे के अपमान के आरोप में जेल में बंद दीप सिद्धू की जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दी है। अब दीप सिद्धू की जमानत याचिका पर एडिशनल सेशंस जज नीलोफर आबिदा परवीन 8 अप्रैल को सुनवाई करेंगी।
दरअसल इस मामले में पिछले 31 मार्च को डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज ने दीप सिद्धू की जमानत याचिका को एडिशनल सेशंस जज चारु अग्रवाल की कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था। उसके बाद 1 अप्रैल से कोर्ट ने जमानत पर सुनवाई के लिए नया रोस्टर जारी किया गया। नए रोस्टर के मुताबिक जमानत पर सुनवाई एडिशनल सेशंस जज नीलोफर आबिदा परवीन को करनी है।
पिछले 31 मार्च को दीप सिद्धू की जमानत याचिका एडिशनल सेशंस जज दीपक डबास की कोर्ट में लिस्ट की गई थी। सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी ने इस मामले को एडिशनल सेशंस जज चारु अग्रवाल की कोर्ट में भेजने की मांग की थी। जांच अधिकारी ने कहा था कि इस मामले के सात सह-आरोपितों को एडिशनल सेशंस जज चारु अग्रवाल की कोर्ट ने जमानत दी है। दूसरे सह-आरोपितों की अग्रिम जमानत उसी कोर्ट में लंबित है। उसके बाद एडिशनल सेशंस जज दीपक डबास ने इस मामले को डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज गिरीश कथपलिया की कोर्ट में भेज दिया ताकि इस जमानत याचिका पर कौन सी कोर्ट सुनवाई करेगी, इसका फैसला हो सके। उसके बाद डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज गिरीश कथपलिया ने एडिशनल सेशंस जज चारु अग्रवाल की कोर्ट में मामले को ट्रांसफर कर दिया था।
पिछले 26 फरवरी को कोर्ट ने दीप सिद्धू की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। पिछले 23 फरवरी को कोर्ट ने दीप सिद्धू को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। दीप सिद्धू को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हरियाणा के करनाल से पिछले 9 फरवरी को गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस ने कहा था कि दीप के खिलाफ वीडियोग्राफी सबूत हैं। पुलिस ने कहा था कि सिद्धू ने लोगों को भड़काया, जिसके चलते लोगों ने सार्वजनिक सम्पति को नुकसान पहुंचाया। पुलिस ने कहा था कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान नियमों का उल्लंघन किया गया। लाल किले पर झंडा फहराया गया। दीप सिद्धू दंगों में सबसे आगे था। लाल किले पर 140 पुलिसकर्मियों पर हमला हुआ। उनके सर पर तलवारों से चोटें आईं। दिल्ली पुलिस ने कहा था कि वीडियो में साफ दिख रहा कि दीप सिद्धू झंडे और लाठी के साथ लाल किले में घुस रहा था। वो जुगराज सिंह के साथ था।