New Transfer Policy में दिव्यांग कार्मिकों को विशेष राहत, मिलेंगे ये लाभ

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लखनऊ: योगी सरकार ने तबादला नीति 2024-25 (New Transfer Policy) में दिव्यांगों को विशेष राहत प्रदान की है। इसके प्रावधानों के अनुसार दिव्यांग कार्मिक या ऐसे कार्मिक जिनके आश्रित परिवार के सदस्य 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता से प्रभावित हैं, उन्हें सामान्य तबादले से मुक्त रखा जाएगा। ऐसे दिव्यांग कार्मिकों के तबादले केवल गंभीर शिकायतों या अपरिहार्य कारणों से ही किए जाएंगे। इतना ही नहीं दिव्यांग कार्मिक के अनुरोध पर पद की उपलब्धता के आधार पर उसे उसके गृह जनपद में तैनात करने पर विचार किया जा सकेगा। लोकसभा चुनाव के बाद पहली कैबिनेट बैठक में योगी सरकार ने नई तबादला नीति 2024-25 को मंजूरी दी। इसमें विशेष परिस्थितियों में तबादले को लेकर कई प्रावधान किए गए हैं।

दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों को मिलेगा विकल्प-

New Transfer Policy में विशेष परिस्थितियों में तबादले के लिए विशेष प्रक्रिया निर्धारित की गई है। इसके अनुसार मानसिक रूप से मंद बच्चों, गति क्रिया से प्रभावित दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों की तैनाती अधिकृत सरकारी चिकित्सक के प्रमाण पत्र के आधार पर विकल्प प्राप्त कर ऐसे स्थान पर की जा सकेगी, जहां समुचित चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हों या जहां से उनकी समुचित देखभाल हो सके। इसके अलावा किसी अधिकारी/कर्मचारी के व्यक्तिगत कारणों जैसे चिकित्सा उपचार या बच्चों की शिक्षा, सरकारी सेवा के दौरान दिवंगत माता या पिता के नाबालिग बच्चों के पालन-पोषण, कोई पद रिक्त होने पर या अन्य अधिकारी या कर्मचारी की सहमति होने पर स्थानांतरण या समायोजन किया जा सकेगा। बशर्ते कि इस पर कोई प्रशासनिक आपत्ति न हो।

पति-पत्नी एक ही जिले में करा सकेंगे स्थानांतरण-

New Transfer Policy के अनुसार यदि पति-पत्नी दोनों सरकारी सेवा में हैं तो जहां तक ​​संभव हो उन्हें एक ही जिले, शहर या स्थान पर स्थानांतरित किया जा सकेगा। इसी प्रकार समूह ग व घ के कार्मिक जो 2 वर्ष में सेवानिवृत्त हो रहे हैं उन्हें उनके गृह जिले में तथा समूह क व ख के कार्मिकों को उनके गृह जिले को छोड़कर इच्छित जिले में तैनात माना जाएगा। इससे पूर्व उस संभाग या जिले में उनकी तैनाती अवधि को ध्यान में नहीं रखा जाएगा। इसके अलावा पदोन्नति, सेवा समाप्ति, सेवानिवृत्ति आदि स्थितियों में रिक्त पदों पर स्थानांतरण किया जा सकेगा। यदि पदोन्नति के बाद किसी कार्मिक की नियुक्ति किसी अन्य स्थान पर रिक्त पदों पर होती है तो यह प्रक्रिया स्थानांतरण नीति के अंतर्गत नहीं मानी जाएगी। पदोन्नति के पश्चात रिक्त पदों पर तैनाती नियुक्ति प्राधिकारी के स्तर से की जाएगी। हालांकि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसे स्थानान्तरण पारदर्शिता एवं निष्पक्षता के सिद्धांत के अनुरूप किए जाएं।

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आकांक्षी जिलों एवं विकास खंडों पर विशेष ध्यान-

केन्द्र सरकार द्वारा घोषित आकांक्षी जिला योजना से सम्बन्धित प्रदेश के 8 जिलों (चित्रकूट, चन्दौली, सोनभद्र, फतेहपुर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती एवं बहराइच) तथा प्रदेश में घोषित 100 आकांक्षी विकास खंडों में प्रत्येक दशा में समस्त पदों पर तैनाती कर प्रत्येक विभाग को संतुष्ट किया जाएगा। इन आकांक्षी जिलों एवं बुन्देलखण्ड के समस्त जिलों के साथ-साथ 34 जिलों के 100 आकांक्षी विकास खंडों में तैनात कार्मिकों को उनके नियंत्रण प्राधिकारियों द्वारा स्थानान्तरण के पश्चात तब तक कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा, जब तक कि उनके स्थान पर कोई अन्य व्यक्ति कार्यभार ग्रहण नहीं कर लेता। यह प्रतिबन्ध आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, पीसीएस एवं पीपीएस अधिकारियों पर लागू नहीं होगा।

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