कैमूर: बिहार में शनिवार का दिन राजनीतिक हलचलों से भरा रहा। एक तरफ पश्चिम चंपारण में अमित शाह ने नीतीश और तेजस्वी के खिलाफ हुंकार भरी, तो दूसरी तरफ पूर्णिया में महागठबंधन की रैली में गठबंधन के सातों दल केंद्र की सत्ता से भाजपा को हटाने का संकल्प ले रहे थे। इसी बीच बड़े किसान नेता राकेश टिकैत ने कैमूर में किसान महापंचायत बुलाई।
कैमूर पहुंचे राकेश टिकैत ने कहा कि अपना बिहार और अपना खेत का नारा लग चुका है। बिहार की मंडियां आजाद होंगी और बिहार मुक्ति अभियान चलेगा। उन्होंने कहा कि बिहार की मंडियां जबतक आजाद नहीं होंगी किसानों का ट्रैक्टर मार्च चलता रहेगा और आने वाले दिनों में इसका नजारा पटना की सड़कों पर भी देखने को मिलेगा।
इस कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि बिहार की सरकार के पूर्व कृषि मंत्री और राजद विधायक सुधाकर सिंह भी शामिल हुए। इस दौरान राकेश टिकैत और सुधाकर सिंह एक ही ट्रैक्टर पर बैठे नजर आए और किसानों के हक के लिए बड़े आंदोलन का श्रीगणेश किया।
महागठबंधन और भाजपा की रैली से अलग राकेश टिकैत कैमूर में किसान महापंचायत कैमूर के चांद प्रखंड मुख्यालय परिसर में आज से शुरू हुई। किसान महापंचायत आगे भी चलता रहेगा। 26 फरवरी को भभुआ और कैमूर के जिला मुख्यालय में भी किसान महापंचायत आयोजित की जाएगी। साथ ही 27 फरवरी को बक्सर जिले के चौसा में और 28 फरवरी को बक्सर जिला के बक्सर किला मैदान में महापंचायत होगी। किसान महापंचायत के मौके पर आज से ट्रैक्टर मार्च का भी आगाज कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि सुधाकर सिंह और राकेश टिकैत एक मंच पर साथ दिखे हैं। किसानों का उनका वाजिब हक दिलाने के लिए सुधाकर सिंह ने कृषि मंत्री रहते हुए अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था, जिसके कारण सुधाकर सिंह को मंत्री की कुर्सी भी गंवानी पड़ गई थी। सत्ता में रहते हुए अलग थलग पड़े सुधाकर सिंह को अब टिकैत का साथ मिल गया है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि कैमूर से शुरू हुआ किसान आंदोलन आने वाले दिनों में बड़े स्वरूप में नजर आ सकता है।
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